मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सलारपुर में आयोजित समारोह में गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे का लोकार्पण किया।यह एक्सप्रेसवे गोरखपुर, संतकबीरनगर, अंबेडकरनगर और आजमगढ़ को जोड़ेगा, जिसकी लागत 7,283.28 करोड़ रुपये बताई जा रही है। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि आजमगढ़ अब आतंक का नहीं, बल्कि अदम्य साहस का प्रतीक बन चुका है।मुख्यमंत्री ने कहा कि पूर्वांचल की सड़क कनेक्टिविटी अब प्रदेश को आर्थिक और सामाजिक मजबूती दे रही है। उन्होंने पूर्ववर्ती सरकारों पर जातिवादी राजनीति और भ्रष्टाचार को बढ़ावा देने का आरोप लगाया। सीएम ने कहा कि जो बेटियों और व्यापारियों की सुरक्षा में सेंध लगाएगा, उसके लिए यमराज का टिकट रिजर्व करवा देंगे। साथ ही यह भी कहा कि अयोध्या के बाद अब मथुरा-वृंदावन में भी तीव्र गति से विकास कार्य प्रारंभ हो चुके हैं। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार विकास के साथ-साथ सांस्कृतिक विरासत के संरक्षण के लिए भी पूरी तरह प्रतिबद्ध है।
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मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सलारपुर में आयोजित समारोह में 91.35 किमी लंबे गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे का लोकार्पण किया। यह फोर-लेन एक्सप्रेसवे गोरखपुर, संतकबीरनगर, अंबेडकरनगर और आजमगढ़ को जोड़ता है, जिसकी निर्माण लागत ₹7,283.28 करोड़ रही। परियोजना का कार्य 10 फरवरी 2020 को शुरू होकर पांच साल चार महीने में पूरा हुआ, और यह पूर्वांचल एक्सप्रेसवे से जुड़कर गोरखपुर–लखनऊ सफर को साढ़े तीन घंटे में पूरा करने में सहायक होगा। यात्रियों की सुविधा के लिए हर 25 किमी में एक रेस्ट एरिया भी बनाया गया है।
जागृति और सुरक्षा का संदेश
लोकार्पण कार्यक्रम में सीएम योगी ने कहा कि आजमगढ़ अब आतंक का गढ़ नहीं, अदम्य साहस का प्रतीक है। उन्होंने वीर कुंवर सिंह की 1857 की आजादी की लड़ाई का हवाला देते हुए बताया कि बेहतर सड़क कनेक्टिविटी राष्ट्र की मुक्ति में सहायक होती।
उन्होंने कड़ी चेतावनी देते हुए कहा, जो भी सुरक्षा व्यवस्था में सेंध लगाएगा, उसके लिए ‘यमराज का टिकट’ रिजर्व है।” साथ ही राजस्थान में सोनभद्र से गंगा एक्सप्रेसवे के माध्यम से ‘विकास की गंगा’ बहने का ज़िक्र किया।
विरासत और समावेशी विकास पर जोर
सीएम योगी ने कहा कि अयोध्या के बाद अब मथुरा-वृंदावन में विकास के साथ-साथ विरासत संरक्षण पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। उन्होंने राजनैतिक आरोप लगाते हुए कहा कि पूर्व सरकारें ‘डी-कंपनी’ अर्थात मुकाबल प्रतियोगिता वाली ताकतों को पोषण देती रहीं, लेकिन वर्तमान सरकार ने उनके खिलाफ सख्त कदम उठाए हैं।
पूर्वांचल एक्सप्रेसवे -एक नया विजन
सीएम ने कहा कि पूर्वांचल एक्सप्रेसवे की शुरूआती योजनाओं में धांधली हुई थी.340 किमी का टेंडर ₹15,200 करोड़ में हुआ, लेकिन जमीन तक नहीं थी। उन्होंने इसे रद्द कराकर नए टेंडर 120 मीटर चौड़ाई की संरचना के लिए जारी किए, ताकि भविष्य में उच्च‑गति ट्रेनों का संचालन भी संभव हो।