चीन के तिब्बत क्षेत्र में भूकंप ने भारी तबाही मचाई, जिसका असर भारत, नेपाल और बांग्लादेश में भी देखा गया। भारत में लोग सुबह-सुबह भूकंप के झटकों से दहशत में उठे। अब तक इस भूकंप के कारण 95 लोगों की मौत की खबर सामने आ रही है। पिछले छह घंटे में इस क्षेत्र में 14 भूकंप के झटके आ चुके हैं। चीन की सेना ने ड्रोन की मदद से बचाव और राहत कार्य तेज कर दिए हैं, ताकि प्रभावितों की सहायता की जा सके।
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तिब्बत भूकंप: मौत का आंकड़ा बढ़कर 95 पहुंचा, रेस्क्यू ऑपरेशन जारी
तिब्बत में आए भूकंप के बाद मौत का आंकड़ा लगातार बढ़ता जा रहा है। ताजातरीन जानकारी के अनुसार, अब तक 95 लोगों की जान जा चुकी है। भूकंप के बाद बड़े पैमाने पर राहत और बचाव कार्य जारी है। मलबे में दबने के कारण कई लोग अपनी जान गंवा चुके हैं, जबकि घरों में फंसे लोगों को निकालने के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है। अधिकारियों का कहना है कि बचाव कार्य में हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं।
तिब्बत भूकंप में फंसे लोग सुबह से भूखे और प्यासे मदद की गुहार लगा रहे हैं
तिब्बत भूकंप में फंसे लोग सुबह से भूखे और प्यासे मदद की गुहार लगा रहे हैं, जबकि राहत कार्य जारी है। चीन के तिब्बत क्षेत्र में भूकंप के बाद लेवल-3 की इमरजेंसी घोषित कर दी गई है। इस आपातकालीन स्थिति में चीन की सेना और स्थानीय प्रशासन मिलकर प्रभावित इलाकों में राहत कार्यों को तेज कर रहे हैं। लाखों लोग अब बेघर हो चुके हैं, और उन्हें खाने-पीने की सामग्री की सख्त जरूरत है। राहत टीमों द्वारा फूड पैकेट्स का वितरण किया जा रहा है, ताकि फंसे हुए लोगों को तात्कालिक राहत मिल सके।
तिब्बत में भूकंप के बाद का दृश्य डरावना, हर तरफ मची है तबाही
तिब्बत में भूकंप के बाद की तस्वीरें बेहद भयावह हैं, जिनमें हर जगह तबाही का मंजर साफ नजर आ रहा है। चीन के तिब्बत क्षेत्र से आ रही तस्वीरों में लोग मलबे के बीच फंसे अपने परिजनों को निकालने की कोशिश कर रहे हैं। भूकंप के कारण मोबाइल और टेलीफोन नेटवर्क भी बाधित हो गए हैं, जिससे लोग एक-दूसरे से संपर्क नहीं कर पा रहे हैं और अपनों की हालात का पता नहीं चल पा रहा है। इस कठिन समय में लोग अपने दम पर बचाव कार्यों में जुटे हुए हैं।
तिब्बत में मंगलवार को भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए, जिससे भारी नुकसान हुआ। इस भयंकर भूकंप में अब तक 53 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है, और 62 लोग घायल हैं। चीन भूकंप नेटवर्क केंद्र (सीईएनसी) के अनुसार, मंगलवार सुबह 9:05 बजे आए भूकंप की तीव्रता रिक्टर स्केल पर 6.8 दर्ज की गई। इस भूकंप ने क्षेत्र में व्यापक तबाही मचाई, और राहत व बचाव कार्यों को तेजी से आगे बढ़ाया जा रहा है।
चीन की सरकारी मीडिया के अनुसार, तिब्बत के शिजांग शहर स्थित डिंगरी काउंटी में 6.8 तीव्रता के भूकंप के कारण 53 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 62 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं। भूकंप का केंद्र 10 किलोमीटर गहरे स्थान पर था, जिसका स्थितिक विवरण 28.5 डिग्री उत्तरी अक्षांश और 87.45 डिग्री पूर्वी देशांतर पर है। अब तक राहत और बचाव कार्य तेजी से जारी हैं, और प्रभावित क्षेत्र में लोगों को सुरक्षित निकालने की कोशिश की जा रही है।
भारत में भी महसूस किए गए झटके
भारत में भी भूकंप के झटके महसूस किए गए, जिनका असर कई राज्यों में देखा गया। सबसे ज्यादा प्रभावित बिहार रहा, जबकि असम, सिक्किम और पश्चिम बंगाल के कुछ हिस्सों में भी भूकंप के झटके महसूस हुए। इस दौरान लोग घबराकर अपने घरों से बाहर निकल आए। यूएसजीएस के अनुसार, भूकंप का केंद्र लोबुचे से 93 किमी उत्तर-पूर्व में था।
तिब्बत के शिजांग शहर के डिंगरी काउंटी में 6.8 तीव्रता के भूकंप ने भारी तबाही मचाई है, जिसमें अब तक 53 लोगों की मौत की पुष्टि हुई है। 62 से अधिक लोग घायल बताए जा रहे हैं। भूकंप का केंद्र 10 किलोमीटर की गहराई में 28.5 डिग्री उत्तरी अक्षांश और 87.45 डिग्री पूर्वी देशांतर पर स्थित था। मंगलवार सुबह से ही शिजांग क्षेत्र में लगातार भूकंप के झटके महसूस किए जा रहे हैं, जिससे स्थानीय लोगों में दहशत का माहौल है।
कंप क्यों आता है?
पृथ्वी के अंदर सात टेक्टोनिक प्लेट्स हैं, जो निरंतर गति में रहती हैं। जब ये प्लेट्स एक-दूसरे से टकराती हैं, तो वह स्थान “फॉल्ट लाइन” कहलाता है। इन प्लेट्स के टकराने से उनके किनारों पर दबाव बनता है, और जब यह दबाव अत्यधिक बढ़ जाता है, तो प्लेट्स के किनारे टूटने लगते हैं। इस टूटने के बाद, पृथ्वी के अंदर से निकलने वाली ऊर्जा बाहर की ओर प्रवाहित होती है, जिससे भूकंप के झटके महसूस होते हैं।
भूकंप के केंद्र और तीव्रता का क्या मतलब है?
भूकंप का केंद्र उस स्थान को कहते हैं, जहां पृथ्वी की प्लेट्स में हलचल से भूगर्भीय ऊर्जा बाहर निकलती है। इस स्थान पर भूकंप का कंपन सबसे अधिक महसूस होता है। जैसे-जैसे आप इस केंद्र से दूर जाते हैं, भूकंप का असर कम होता जाता है। हालांकि, यदि भूकंप की तीव्रता रिक्टर स्केल पर 7 या उससे अधिक है, तो यह 40 किमी के दायरे में तेज झटके उत्पन्न कर सकता है। इसका प्रभाव इस बात पर भी निर्भर करता है कि कंपन की आवृत्ति ऊपर की ओर है या नीचे की ओर। यदि कंपन की आवृत्ति ऊपर की ओर होती है, तो इसका असर सीमित क्षेत्र में ही होता है।