प्रवर्तन निदेशालय ED ने यूट्यूबर एल्विश यादव और सिंगर फाजिलपुरिया के खिलाफ बड़ी कार्रवाई करते हुए उनकी करोड़ों रुपये की संपत्ति जब्त कर ली है। जांच एजेंसी ने ये प्रॉपर्टी यूपी-हरियाणा में अटैच की है. ED ने इससे पहले दोनों हस्तियों से विस्तार से पूछताछ की थी. उनके बयान दर्ज किए गए थे और मामले की जांच की गई थी. जांच एजेंसी ने लंबी पूछताछ के बाद यह कार्रवाई की है। गौरतलब है कि ईडी ने एल्विश यादव के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दर्ज किया था।
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प्रवर्तन निदेशालय ने यूट्यूबर एल्विश यादव और कुछ अन्य के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग में बड़ी कार्यवाही की है. ED ने एल्विश यादव और सिंगर फाजिलपुरिया की करोड़ों रुपये की संपत्तियां और बैंक खातों को अटैच कर लिया है. अधिकारियों के मुताबिक, उत्तर प्रदेश और हरियाणा में स्थित कुछ संपत्तियों को इस मामले के तहत जब्त किया गया है. बता दें कि ईडी ने एल्विश यादव और सिंगर फाजिलपुरिया के खिलाफ कार्रवाई करने से पहले पूछताछ की। उनके बयान दर्ज किए गए। आधिकारिक सूत्रों ने गुरुवार को समाचार एजेंसी पीटीआई को यह जानकारी दी।
अधिकारियों ने बताया कि धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत एक अनंतिम आदेश जारी किया गया है। एल्विश यादव से ईडी ने पार्टियों में मनोरंजन के लिए सांप के जहर के संदिग्ध इस्तेमाल और वित्तीय लेनदेन से संबंधित एक मामले में पूछताछ की है।
मई में केस दर्ज किया था
एल्विश यादव को सांपों की तश्करी के मामले में गिरफ्तार किया गया था इस गिरफ्तारी के बाद, ED ने इस पूरे प्रकरण को मनी लॉन्ड्रिंग के संदर्भ में दर्ज कर अपनी जांच शुरू की थी. आरोप है कि इस जहर के व्यापार से जुटाई गई राशि को अवैध रूप से दूसरे माध्यमों में लगाया गया था, जिसके आधार पर ED ने कार्रवाई की.
केंद्रीय एजेंसी ने उत्तर प्रदेश के गौतम बुद्ध नगर (नोएडा) जिला पुलिस द्वारा एल्विश और उनसे जुड़े लोगों के खिलाफ दर्ज FIR और चार्जशीट का संज्ञान लेने के बाद मई में मामला दर्ज किया था और PMLA के तहत आरोप लगाए थे. हरियाणा के सिंगर राहुल यादव उर्फ राहुल फाजिलपुरिया के एल्विश यादव से संबंध हैं, उनसे भी ईडी ने इस मामले में पूछताछ की थी. हालांकि एल्विश ने अपने खिलाफ लगे आरोपों को हमेशा “निराधार और फर्जी” बताया था.
एनजीओ ने दर्ज कराया था मुकदमा
बिग बॉस ओटीटी 2 का विजेता पर नोएडा पुलिस ने नार्कोटिक ड्रग्स एंड साइकोट्रोपिक सब्सटेंस (एनडीपीएस) अधिनियम, वन्यजीव संरक्षण अधिनियम और भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया था।
पुलिस ने भी उनके खिलाफ नारकोटिक ड्रग्स एंड साइकोट्रोपिक सब्सटेंस (एनडीपीएस) अधिनियम के आरोप हटा दिए थे. पुलिस ने कहा था कि ये उनकी गलती की वजह से हुई है. लेकिन अब उनपर मनी लॉन्ड्रिंग के केस चल रहे हैं और प्रवर्तन निदेशालय इसकी जांच में जुटी है.
पशु अधिकारों के लिए काम करने वाले एनजीओ पीपुल फॉर एनिमल्स (पीएफए) के प्रतिनिधि की शिकायत पर पिछले साल 3 नवंबर को नोएडा के सेक्टर 49 पुलिस स्टेशन में छह लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था। पांच अन्य आरोपी, सभी सपेरे, नवंबर में गिरफ्तार किए गए थे और बाद में उन्हें एक स्थानीय अदालत से उन्हें जमानत मिल गयी थी।