नहीं रहे, मशहूर ग़ज़ल गायक पंकज उधास, 72 की उम्र में ली अंतिम साँस

नहीं रहे मशहूर ग़ज़ल गायक पंकज उदास, 72 की उम्र में ली अंतिम साँस

मशहूर गजल गायक पंकज उधास का निधन हो गया है। वे लंबे समय से बीमार चल रहे थे। वे 72 साल के थे। उनका जन्म 17 मई 1951 को गुजरात के जेतपुर में हुआ था। पंकज उधास के परिवार की तरफ से उनके निधन की पुष्टि की गई है।

यह भी पढ़ें : ग्रेटर नोएडा वेस्ट : LLB छात्र की ट्रांसजेंडर से डेटिंग ऐप के माध्यम से हुई मुलाकात, बनाया अश्लील वीडियो।

गजल गायक पंकज उधास का 72 साल की उम्र में निधन हो गया है।सिंगर लंबी बीमारी से जूझ रहे रहे थे। गायकार के परिवार वालों ने एक वयान जारी करते हुए उनके निधन की खबर दी है। वयान में लिखा है- ‘बहुत भारी मन से, हम आपको लंबी बीमारी के चलते 26 फरवरी 2024 को पद्मश्री पंकज उधास के दुखद निधन की जानकारी देते हुए दुखी हैं।पंकज किस बीमारी से जूझ रहे थे इसकी जानकारी अब तक सामने नहीं आई है।

म्यूजित जगत के लिए बड़ा नुकसानशंकर महादेवन-सोनू निगम
आपको बता दे कि पंकज उधास के निधन से सेलेब्स दुखी हैं। सिंगर और कम्पोज़र शंकर महादेवन को उनके जाने से सदमा लगा है। उनका कहना है कि पंकज का जाना म्यूजित जगत के लिए बड़ा नुकसान ताया है. जिसकी कभी भरपाई नहीं हो सकती।सोनू निगम ने इंस्टाग्राम पर पोस्ट साझा कर लिखा है, ‘मेरे बचपन का महत्वपूर्ण हिस्सा आज खो गया है। श्री पंकज उधास जी, आप हमेशा याद आएंगे। आप नहीं रहे, यह देखकर मेरा दिल भर आया है। ओम शांति’।

चिट्ठी आई है गजल से मिली रातोंरात शोहरत
पंकज उधास ने वैसे तो बहुत सारी गजले गयी थी और उन्होंने अपनी आवाज दी थी लेकिन उन्हें असली शोहरत ‘चिट्ठी आई है’ गजल से मिली थी। वो इस ग़ज़ल से रातों रात स्टार बन गए क्यों कि इस ग़ज़ल को लोगों से बहुत पसंद किया था और उनके दिलों में बस गयी। आपको बता दे कि पंकज उदास ने कई गजलों को अपनी आवाज दी जिनमें ‘ये दिल्लगी’, ‘फिर तेरी कहानी याद आई’, ‘चले तो कट ही जाएगा’ और ‘तेरे बिन’ शामिल है।

कई अवॉर्ड कर चुके है अपने नाम
अपनी आवाज से लोगों के दिलो पर राज करने वाले गायक पंकज उधास को कई अवॉर्ड मिल चुके है। इनमें पद्मश्री (2006), महाराष्ट्र गौरव अवॉर्ड (2012), फिल्म ‘नाम’ के गीत ‘चिट्ठी आई है’ के लिए बेस्ट प्लेबैक सिंगर कैटेगिरी में फिल्मफेयर अवॉर्ड (1988) से नवाजा गया. इसके अलावा उन्हें एल.एस. गाल अवॉर्ड (1985), संगीत नाटक अकादमी अवॉर्ड (2003) और इंडियन फिल्म एंड टेलीविजन एकेडमी (IIFA) अवॉर्ड से भी सम्मानित किया गया।

स्कूल में प्रार्थना से शुरू हुआ था म्यूजिकल करियर
पंकज के करियर की शुरुआत 6 साल की उम्र से ही हो गयी थी। उनके घर में संगीत का माहौल था। इसी को देखते हुए वो भी भी संगीत की दुनिया में आए और हमेशा से लिए संगीत होकर रह गए थे। पंकज उधास ने बताया कि संगीत का पहला एक्सपोजर स्कूल में प्रार्थना करने से शुरू हुआ। उनके संगीत की शुरुआत स्कूल में होने वाली प्रेयर से हुई थी। संगीत का पहला एक्सपोजर स्कूल में प्रार्थना करने से शुरू हुआ 1980 में उनका पहला एल्बम ‘आहट’ आया था। इसमें कई गजलें उन्होंने गाई थीं। पंकज उधास अपनी गजल गायिकी के लिए फेमस हुए । उनके फेमस गानों में ‘जिएं तो जिएं कैसे बिन आपके…’, ‘चिट्ठी आई है…’, ‘चांदी जैसा रंग है तेरा, सोने जैसे रंग है तेरा, सोने जैसे बाल…’, ‘ना कजरे की धार, ना मोतियों के हार…’ शामिल हैं।

Trending Videos you must watch it

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Translate »