प्रसिद्ध तबला वादक उस्ताद जाकिर हुसैन का रविवार को निधन हो गया। वे 73 वर्ष के थे। जाकिर हुसैन को अमेरिका के सेन फ्रांसिस्को शहर स्थित एक अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां इलाज के दौरान उनका निधन हो गया।
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प्रसिद्ध तबला वादक उस्ताद जाकिर हुसैन का रविवार को निधन हो गया। वे 73 वर्ष के थे और हाल ही में उनकी तबीयत बिगड़ने के बाद अमेरिका के सेन फ्रांसिस्को स्थित एक अस्पताल में भर्ती कराया गया था। इलाज के दौरान रविवार को उनका निधन हो गया।
उनके मित्र और बांसुरी वादक राकेश चौरसिया ने रविवार को उनके अस्पताल में भर्ती होने की जानकारी दी थी। राकेश चौरसिया के अनुसार, उस्ताद जाकिर हुसैन को रक्तचाप की समस्या थी और पिछले सप्ताह हृदय संबंधी दिक्कत के कारण उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था।
पद्म श्री, पद्म भूषण और पद्म विभूषण से सम्मानित उस्ताद जाकिर हुसैन का निधन
उस्ताद ज़ाकिर हुसैन, जिनका जन्म 9 मार्च, 1951 को मुंबई में हुआ, एक प्रसिद्ध तबला वादक थे। उनके पिता, उस्ताद अल्लाह रक्खा खान, अपने समय के महान तबला वादक थे, और उन्होंने अपने पिता से ही तबला वादन की कला सीखी। सात साल की उम्र में ही ज़ाकिर हुसैन ने संगीत समारोहों में तबला बजाना शुरू कर दिया था। उन्होंने अपनी स्नातक की पढ़ाई मुंबई के सेंट जेवियर्स कॉलेज से की और बाद में वाशिंगटन विश्वविद्यालय से संगीत में डॉक्टरेट की डिग्री प्राप्त की।
उस्ताद जाकिर हुसैन ने 1991 में प्लैनेट ड्रम के लिए प्रसिद्ध ड्रमर मिकी हार्ट के साथ सहयोग किया, जिसे ग्रैमी पुरस्कार मिला। इसके बाद, हुसैन ने कई फिल्मों के साउंडट्रैक में भी योगदान दिया। 1991 में उन्हें संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। वह अटलांटा में ग्रीष्मकालीन ओलंपिक के उद्घाटन समारोह के लिए संगीत तैयार करने वाली टीम का हिस्सा भी थे।
इसके अलावा, जाकिर हुसैन 2016 में पहले भारतीय संगीतकार बने, जिन्हें पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा द्वारा व्हाइट हाउस में आयोजित ऑल-स्टार ग्लोबल कॉन्सर्ट में भाग लेने के लिए आमंत्रित किया गया था। जाकिर हुसैन को भारत सरकार द्वारा 1988 में पद्म श्री, 2002 में पद्म भूषण और 2023 में पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया था।