हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री और इनेलो सुप्रीमो ओमप्रकाश चौटाला (Om Prakash Chautala) का शुक्रवार को निधन हो गया। उन्होंने 89 वर्ष की आयु में गुरुग्राम स्थित मेदांता अस्पताल में अंतिम सांस ली. बताया जा रहा है की ओमप्रकाश चौटाला लंबे समय से बीमार चल रहे थे। ओपी चौटाला के निधन से हरियाणा में शोक की लहर दौड़ गई है। राज्य की राजनीति में महत्वपूर्ण योगदान देने वाले इनेलो के इस दिग्गज नेता का निधन प्रदेश के लिए एक बड़ी क्षति है। उनके परिवार और समर्थकों में गहरा शोक व्याप्त है।
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हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री और इंडियन नेशनल लोकदल (इनेलो) के प्रमुख ओमप्रकाश चौटाला का निधन हो गया है। 89 वर्ष की आयु में उन्होंने गुरुग्राम में अपने निवास पर अंतिम सांस ली। ओपी चौटाला ने आखिरी बार 2005 में रोड़ी विधानसभा सीट से चुनाव लड़ा था।
चौटाला परिवार का संबंध मूल रूप से हिसार जिले से है, जो जाट समुदाय का गढ़ माना जाता है। हरियाणा की राजनीति में जाट समुदाय का गहरा प्रभाव है, जिसकी राज्य में लगभग 26 से 28 प्रतिशत आबादी है और 36 विधानसभा सीटों पर उनका प्रमुख प्रभाव रहा है।
ओपी चौटाला की अचानक तबीयत बिगड़ने के कारण उन्हें आज सुबह 11 बजे गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड में भर्ती कराया गया था। हालांकि, कुछ ही देर बाद उन्होंने अंतिम सांस ली। यह भी बताया गया कि वह लंबे समय से बीमार चल रहे थे। उनका स्वास्थ्य काफी दिनों से नाजुक था, जिसके कारण उनका निधन हुआ।
हरियाणा की सियासत पर छोड़ गए गहरी छाप
चौधरी देवीलाल, जो हरियाणा और देश की सियासत के एक प्रमुख नाम थे और देश के डिप्टी पीएम भी रहे, उनके पांच संतानें थीं, जिनमें ओमप्रकाश चौटाला प्रमुख थे। ओमप्रकाश चौटाला ने अपने पिता की राजनीतिक विरासत को संभाला और 1989 से 1991 तक हरियाणा के मुख्यमंत्री बने।
उन्होंने 1999 में बीजेपी के साथ मिलकर फिर से सरकार बनाई और 2005 तक सीएम बने। 2001 में देवीलाल के निधन के बाद ओमप्रकाश ने राजनीति में अपनी छाप छोड़ी, चार बार हरियाणा के मुख्यमंत्री बने।