मथुरा के वृंदावन में श्री बांके बिहारी मंदिर कॉरिडोर परियोजना और संभावित सरकारी अध्यादेश के खिलाफ बुधवार को सेवायत गोस्वामियों ने जोरदार प्रदर्शन किया। राजभोग आरती के बाद मंदिर परिसर में इकट्ठा होकर गोस्वामियों ने नारेबाजी की और इसे धार्मिक हस्तक्षेप बताया।सेवायतों ने मंदिर को निजी संपत्ति बताते हुए आरोप लगाया कि सरकार बाहरी दबाव में ठाकुर जी को उनसे छीनना चाहती है।मंदिर में विरोध कर रहे आशीष गोस्वामी ने बताया कि हम लोग इस प्रयास को किसी भी कीमत पर सफल नहीं होने देंगे। हमको भले ही अपने प्राण न्यौछावर करने पड़ें हम अपने बिहारी जी और वृंदावन को नहीं छोड़ेंगे। उनका कहना है कि यह परियोजना मंदिर की परंपराओं और उनके अधिकारों का उल्लंघन है।
यह भी पढ़ें: कैबिनेट बैठक में लिए गए पांच बड़े फैसले: धान, कपास, सोयाबीन समेत 14 फसलों का MSP, बढ़ाजानिए कितना हुआ इजाफा
मथुरा के वृंदावन स्थित प्रसिद्ध श्री बांके बिहारी मंदिर में प्रस्तावित कॉरिडोर और संभावित सरकारी अध्यादेश के विरोध में बुधवार को मंदिर के सेवायत गोस्वामियों ने जोरदार प्रदर्शन किया। राजभोग आरती के बाद मंदिर परिसर में एकत्र होकर सेवायतों ने सरकार के खिलाफ नारेबाजी की और परियोजना को धार्मिक अधिकारों में हस्तक्षेप करार दिया।
सेवायतों का कहना है कि श्री बांके बिहारी मंदिर कोई सार्वजनिक संपत्ति नहीं, बल्कि यह स्वामी हरिदास जी की परंपरा से जुड़ी निजी संपत्ति है, जिसकी सेवा पीढ़ियों से गोस्वामी समाज करता आ रहा है। सेवायत आशीष गोस्वामी ने कहा, हमने जीवनभर तन, मन और धन से ठाकुर जी की सेवा की है, अब सरकार बाहरी दबाव में हमारे अधिकार छीनना चाहती है।
मंदिर में विरोध कर रहे आशीष गोस्वामी ने बताया कि हम लोग इस प्रयास को किसी भी कीमत पर सफल नहीं होने देंगे। हमको भले ही अपने प्राण न्यौछावर करने पड़ें हम अपने बिहारी जी और वृंदावन को नहीं छोड़ेंगे।
सरकार की ओर से इस परियोजना को श्रद्धालुओं की सुविधा और मंदिर क्षेत्र के सौंदर्यीकरण के लिए बताया गया है, लेकिन सेवायतों का कहना है कि यह पारंपरिक संरचना, धार्मिक परंपरा और स्वामित्व के अधिकारों पर सीधा आघात है। गोस्वामी समाज ने इसे धार्मिक हस्तक्षेप की संज्ञा देते हुए आंदोलन जारी रखने की घोषणा की है।