शंभू बॉर्डर पर 101 किसानों का जत्था, किसानों की पुलिस से नोकझोंक

शंभू बॉर्डर पर 101 किसानों का जत्था, किसानों की पुलिस से नोकझोंक

किसान नेता सरवन सिंह पंढेर ने शाम के समय बताया कि शंभू बॉर्डर पर पुलिस द्वारा आंसू गैस के गोले फेंके जाने से कम से कम आठ किसान घायल हो गए हैं। इन घायलों में से दो की हालत गंभीर बताई जा रही है। घायल किसानों में किसान नेता सुरजीत सिंह फुल भी शामिल हैं।सरवन सिंह पंढेर ने हरियाणा सरकार पर आरोप लगाया कि वह किसानों के खिलाफ ज्यादती कर रही है।किसान नेताओं के मुताबिक, घायल किसानों को तुरंत प्रदर्शन स्थल पर खड़ी एंबुलेंस में अस्पताल भेजा गया.

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पंजाब-हरियाणा बॉर्डर पर सुरक्षाकर्मियों द्वारा आंसू गैस के गोले दागे जाने के बाद कुछ प्रदर्शनकारी किसान घायल हो गए, जिसके बाद किसानों ने दिल्ली कूच के लिए अपना पैदल मार्च स्थगित कर दिया। दरअसल, करीब दो साल से शंभू बॉर्डर पर बैठी किसान यूनियनों, संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा ने शुक्रवार को न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) के लिए कानूनी गारंटी और अन्य मांगों को लेकर 101 किसानों का एक ‘जत्था’ दिल्ली के लिए पैदल मार्च शुरू किया था।

हरियाणा के सुरक्षाकर्मियों द्वारा लगाए गए बहुस्तरीय बैरिकेडिंग के कारण किसानों का ‘जत्था’ कुछ मीटर की दूरी पर ही रोक दिया गया। शंभू सीमा बिंदु पर वाटर कैनन वाहन भी तैनात किए गए थे। हरियाणा पुलिस ने किसानों से आगे न बढ़ने की अपील की और अंबाला प्रशासन द्वारा भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (बीएनएसएस) की धारा 163 के तहत निषेधाज्ञा लागू करने का हवाला दिया, जिसके तहत पांच या उससे अधिक लोगों के एकत्र होने पर प्रतिबंध है। हालांकि, निषेधाज्ञा के बावजूद किसानों ने बैरिकेड्स को जबरन पार करने की कोशिश की, लेकिन पुलिस ने उन्हें रोक लिया।

किसान बिना ट्रैक्टर-ट्रॉली के निकले थे

शुक्रवार दोपहर करीब 1 बजे, 101 किसानों का जत्था पैदल दिल्ली की ओर चल पड़ा, लेकिन हरियाणा पुलिस ने उन्हें रास्ते में ही रोक लिया। किसानों के पास कोई ट्रैक्टर या ट्रॉली नहीं थी, वे केवल यूनियन के झंडे लेकर पैदल मार्च कर रहे थे। पहले किसानों ने पहला बैरिकेड तोड़ा, लेकिन बाद में जब वे आखिरी बैरिकेडिंग की ओर बढ़े, तो पुलिस ने उन्हें रोक लिया। इस दौरान पुलिस और किसानों के बीच जमकर नोकझोंक हुई। पुलिस ने किसानों को नियंत्रित करने के लिए उनके पास पहुंचने पर खुजली वाली स्प्रे का इस्तेमाल किया।

कुछ समय बाद, पुलिस ने पहले आंसू गैस के हल्के गोले दागे, लेकिन फिर हरियाणा पुलिस ने भारी आंसू गैस के गोले फेंके, जिससे कई किसान घायल हो गए। घायल किसानों को इलाज के लिए वापस ले जाया गया। इसके बाद, किसानों ने पुलिस के बैरिकेड्स उखाड़कर उन्हें घसीटते हुए अपने मंच की ओर ले गए। अंत में, किसानों ने घोषणा की कि वे रविवार को फिर से दिल्ली जाने की कोशिश करेंगे।

आठ किसान हुए घायल

किसान नेता सरवन सिंह पंढेर ने शाम को बताया कि आंसू गैस के गोले के कारण कम से कम आठ किसान घायल हो गए, जिनमें से दो गंभीर रूप से घायल हैं। पंढेर ने हरियाणा सरकार पर किसानों के खिलाफ ज्यादती करने का आरोप लगाया। घायलों में किसान नेता सुरजीत सिंह फुल भी शामिल हैं। किसान नेताओं ने बताया कि घायलों को तुरंत प्रदर्शन स्थल पर खड़ी एंबुलेंस में अस्पताल भेजा गया।

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