गोवर्धन में अनोखी शादी, कृष्ण भक्ति में डूबी गुंजन ने श्री कृष्ण को पहनाई वरमाला, श्री कृष्ण से रचाई शादी

श्री कृष्ण

श्री कृष्ण नगरी में प्रभु भक्ति में लीन गुंजन बनी कान्हा की दुल्हन, युवती ने प्रभू श्री कृष्ण को जयमाला पहनाकर ,पूरे विधि-विधान के साथ कान्हा संग ब्याह रचा लिया और इस अनोखे विवाह में 250 मेहमान शामिल हुए हैं

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साध्वी गुंजन भारद्वाज गोवर्धन रोड स्थित हंसराज कालोनी में रहती थी जिन्हें प्रभू श्री कृष्ण से प्रेम हो गया और उन्होने भगवान श्री कृष्ण को ही अपना सब कुछ मान लिया प्रभु भक्ति में डूबी गुंजन ने मीरा की तरह अपना परिचय दिया है प्रभु भक्ति में डूबी युवती ने दिन शनिवार को अपने परिजनों की रजामंदी से भगवान श्री कृष्ण ने शादी कर ली इस अनोखी शादी में युवती के परिवार वाले ,रिस्तेदार व गांव के लोग भी शामिल हुए और सभी लोग इस शादी के साक्षी भी बने. शादी पूरे विधि-विधान के साथ संपन्न हुई

पहले प्रभू श्री कृष्ण की बारात निकाली फिर द्वारचार हुआ उसके बाद युवती और कन्हा ने एक -दूसरे को वरमाला पहनाई.और बारात में करीब 250 लोगों का खाना भी बनवाया. जानकारी के मुताबिक साध्वी गुंजन आचार्य चुतुर्भुज की बेटी है गुंजन बचपन से ही कृष्ण भक्ति में डूबी रहती थी जानकारी के अनुसार गुंजन 24 वर्ष की हैं जिन्होने बीए की पहली साल पूरी करने के बाद उसके आगे की पड़ायी छोड़ दी और अपना सारा वक्त कन्हैया के चरणों में समर्पित कर दिया. और सारा दिन प्रभु की भक्ति में लीन रहने लगी

कन्हा संग शादी की जाग्रत की इच्छा
जानकारी के मुताबिक प्रभु भक्ति में डूबी गुंजन के लिए उनके पिता आचार्य चतुर्भुज ने कई रिस्ते देखे लेकिन गुंजन प्रत्येक रिस्ते के लिये मना कर देती थी.वो कान्हा से प्रेम करती थी और वो चाहती थी कि उनकी शादी कन्हैया से हो.और फिर उन्होने अपने पिताजी के सम्मुख कन्हैया से ब्याह करने की बात सामने रखी और यह भी कहा कि वो कृष्ण को अपना सब कुछ मान चुकी हैं वो शादी केवल कन्हैया से ही करेंगी और किसी से नही करेंगी

पिता चतुर्भुज ने अपनी बेटी की बात का सम्मान करते हुए शुभ मुहूर्त देखकर बेटी की शादी का दिन तय कर दिया और पूरे विधि विधान के साथ बेटी गुंजन की शादी कन्हैया से करवाई. पहले कन्हा की बारात निकाली फिर द्वारचार की रश्म संपन्न करायी उसके बाद दुल्हन गुंजन पार्लर सजकर आई और फिर वरमाला की रश्म करायी गयी जिसमें कन्हा वा युवती दोनों ने एक दूसरे को वरमाला पहनाई और फिर फेरे कराये गये.पूरी विधि-विधान के साथ गुंजन ने सोचा से ब्याह रचा लिया

पिता चतुर्भुज ने कहा कि उनके दो पुत्र व दो पुत्रियां हैं और गुंजन सबसे छोटी बेटी हैं और वे एक कथावाचक हैं, गुंजन के भाईयों के नाम -कृष्णमुरारी व गिरवर हैं और बडी वहन का नाम नीलम है जिनकी शादी साल पहले गांव बरारी में हुई थी और इस अनोखे विवाह में 250 मेहमान शामिल हुए हैं

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