राज्यसभा में ऑपरेशन सिंदूर पर गरमागरम बहस, मुझसे निपट लो, क्यों प्रधानमंत्री जी को बुला रहे हो, विपक्ष का वॉकआउट

राज्यसभा में ऑपरेशन सिंदूर पर गरमागरम बहस, मुझसे निपट लो

राज्यसभा में ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा के दौरान बुधवार को जबरदस्त हंगामा हुआ। विपक्ष ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की गैरहाज़िरी पर आपत्ति जताई, जिस पर अमित शाह ने कहा, पीएम अपने ऑफिस में है इनको ज्यादा सुनने का शौक है क्या? मुझसे निपट लीजिए, पीएम को क्यों बुला रहे हैं? और तकलीफ होगी। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने इसे सदन का अपमान बताया और विपक्षी सांसदों ने वॉकआउट कर दिया। शाह ने डेढ़ घंटे तक भाषण में बताया कि सरकार ने ऑपरेशन सिंदूर और महादेव के ज़रिए आतंकियों को मुंहतोड़ जवाब दिया। उन्होंने कांग्रेस पर आतंकवाद के मुद्दे पर ढिलाई बरतने का आरोप लगाया।शाह ने कहा कि 2014 के बाद से जम्मू-कश्मीर को छोड़ पूरे देश में कोई बड़ा धमाका नहीं हुआ। उन्होंने राहुल गांधी से चीन के साथ संबंधों को लेकर भी सवाल किया।गृह मंत्री ने बताया कि अब घाटी में हालात सुधर रहे हैं, युवाओं की आतंकी संगठनों में भर्ती बंद हो गई है और आतंकवाद खत्म होने की कगार पर है। ऑपरेशन सिंदूर पर दो दिन की बहस शाह के संबोधन के साथ खत्म हुई।

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संसद के मानसून सत्र में बुधवार को राज्यसभा में ऑपरेशन सिंदूर को लेकर जोरदार बहस हुई। गृहमंत्री अमित शाह ने करीब डेढ़ घंटे भाषण देकर सरकार का पक्ष रखा और आतंकवाद के खिलाफ मोदी सरकार की नीति को स्पष्ट किया।

शाह के भाषण के दौरान विपक्ष ने प्रधानमंत्री मोदी को सदन में बुलाने की मांग की, जिस पर सदन में हंगामा हो गया। विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि पीएम का सदन में न आना, लोकतंत्र और संसद का अपमान है। इस पर अमित शाह ने तीखा जवाब देते हुए कहा, “मेरे से निपट लो, प्रधानमंत्री को क्यों बुला रहे हो। वो ऑफिस में हैं, हर बात पर उन्हें बुलाने की जरूरत नहीं।विपक्षी सांसदों ने नारेबाजी की और अंत में सदन से वॉकआउट कर दिया।

शाह ने अपने संबोधन में बताया कि किस तरह सेना ने ऑपरेशन सिंदूर और महादेव के जरिए आतंकियों को मुंहतोड़ जवाब दिया। उन्होंने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि 2014 से पहले हर साल बम धमाके होते थे, लेकिन अब सिर्फ जम्मू-कश्मीर में ऐसी घटनाएं हो रही हैं, बाकी देश पूरी तरह सुरक्षित है।

शाह ने ये भी कहा कि कांग्रेस सरकारों ने POTA जैसे आतंकवाद विरोधी कानून का विरोध किया और तुष्टिकरण की राजनीति की। उन्होंने राहुल गांधी पर चीन से संबंधों को लेकर सवाल उठाए और कहा, “युद्ध के वक्त राहुल गांधी चीनी राजदूत से मुलाकात कर रहे थे।गृह मंत्री ने दावा किया कि घाटी में आतंकवाद अब लगभग खत्म होने की कगार पर है। बीते छह महीनों में किसी कश्मीरी युवक की आतंकी संगठनों में भर्ती नहीं हुई है, जो मारे जा रहे हैं वे सभी विदेशी हैं।

राज्यसभा में चर्चा के बाद कार्यवाही गुरुवार सुबह 11 बजे तक स्थगित कर दी गई। ऑपरेशन सिंदूर पर दो दिन की यह बहस सरकार और विपक्ष के बीच तीखी टकराव के साथ समाप्त हुई।

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