गृह मंत्री अमित शाह ने राजभाषा विभाग की स्वर्ण जयंती समारोह में भाग लेते हुए कहा कि हिंदी किसी भारतीय भाषा की विरोधी नहीं, बल्कि सभी की मित्र है। उन्होंने मातृभाषा में शिक्षा, संवाद और अभिव्यक्ति को बढ़ावा देने की बात कही और राज्यों से स्थानीय भाषाओं में उच्च शिक्षा शुरू करने का आग्रह किया। शाह ने प्रशासनिक कार्यों में भारतीय भाषाओं के उपयोग पर जोर देते हुए कहा कि भाषा केवल संवाद का माध्यम नहीं, बल्कि राष्ट्र की आत्मा है। उन्होंने विदेशी भाषाओं का विरोध न करते हुए मातृभाषा पर गर्व करने की अपील की और कहा कि जब भारत आज़ादी के 100 वर्ष पूरे करेगा, तब हिंदी स्वर्ण अक्षरों में अंकित होगी।
ह मंत्री अमित शाह ने केंद्र सरकार के राजभाषा विभाग की स्वर्ण जयंती समारोह में भाग लिया और भारतीय भाषाओं के महत्व को रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि हिंदी किसी भी भारतीय भाषा की विरोधी नहीं, बल्कि उनकी मित्र है। शाह ने मातृभाषा में सोचने, बोलने और उच्च शिक्षा देने को प्रोत्साहित करने का आह्वान किया और कहा कि केंद्र सरकार इस दिशा में राज्यों को हरसंभव सहयोग देगी।
उन्होंने प्रशासनिक कार्यों में भारतीय भाषाओं के अधिक उपयोग और भाषाई आत्मगौरव को बढ़ावा देने की बात कही। शाह ने यह भी कहा कि जब तक व्यक्ति अपनी भाषा पर गर्व नहीं करता, वह पूरी तरह आज़ाद नहीं हो सकता। उन्होंने विदेशी भाषाओं के विरोध की बजाय भारतीय भाषाओं को सशक्त करने पर बल दिया।
राजभाषा विभाग की 50 वर्ष की यात्रा को ऐतिहासिक बताते हुए शाह ने विश्वास जताया कि जब देश अपनी आज़ादी की 100वीं वर्षगांठ मनाएगा, तब हिंदी स्वर्ण अक्षरों में अंकित होगी। उनका संदेश भाषायी सौहार्द और सांस्कृतिक आत्मसम्मान को बढ़ावा देने की दिशा में अहम माना जा रहा है।