उत्तर प्रदेश के मेरठ से भारतीय जनता पार्टी सांसद अरुण गोविल ने एक बड़ा बयान दिया है। रामायण के राम ने राजनीति में आने के अपने अनुभव को साझा करते हुए कहा कि वह राजनीति में नहीं आना चाहते थे, लेकिन भगवान राम ने उन्हें भेज दिया। उन्होंने कहा, राम जी ने जिस किसी के मन में बात डाली, मुझे भेज दिया। लोग कहते हैं कि मेरी सड़क बनवा दो, श्मशान की दीवार बनवा दो, नाली ठीक करवा दो, पानी की व्यवस्था करवा दो। इनकी मांगें सही हैं, लेकिन मैं सिर्फ इन चीजों के लिए नहीं आया हूं।
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भारतीय जनता पार्टी के सांसद अरुण गोविल ने सोमवार को मेरठ में पत्रकारों से बातचीत करते हुए राजनीति में आने को लेकर बड़ा बयान दिया। उन्होंने कहा, “मैं राजनीति में नहीं आना चाहता था, लेकिन मुझे यहां भेजा गया। राम जी ने जिस किसी के मन में बात डाली, उसी ने मुझे भेज दिया। लोग कहते हैं कि मेरी सड़कों, श्मशान की दीवारों, नालियों और पानी की व्यवस्था को ठीक करवा दो। इनकी मांगें सही हैं, लेकिन मैं ये नहीं मानता हूं कि मैं सिर्फ इन चीजों के लिए आया हूं। मेरी शुरुआत घर-घर रामायण से है।
अरुण गोविल ने यह भी घोषणा की कि वह अगले 5 सालों में देशभर में 11 लाख रामायण बांटने का लक्ष्य रखते हैं और इसके लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र भी लिखा है। 22 जनवरी को किठौर और हापुड़ से इस ‘घर-घर रामायण’ अभियान की शुरुआत होगी। गोविल का मानना है कि रामायण का अध्ययन समाज और देश पर सकारात्मक प्रभाव डालेगा। उन्होंने इसे अपनी सांस्कृतिक धरोहर बताते हुए कहा कि रामायण को हर घर तक पहुंचाना उनका कर्तव्य है।
रामायण की शिक्षा पर बात करते हुए उन्होंने कहा कि यह दुश्मनों के बीच भी रिश्तों को दिखाती है और अगर हम रामायण के दस प्रतिशत सिद्धांतों को भी अपने जीवन में उतार लें तो समाज का कल्याण होगा। गोविल ने यह भी कहा कि पारिवारिक शांति बेहद जरूरी है और जीवन में सुखी रहने के लिए सकारात्मकता जरूरी है।इस मौके पर उन्होंने ‘घर-घर रामायण डॉट कॉम’ नामक वेबसाइट भी लॉन्च की।