जम्मू-कश्मीर के पुंछ जिले के मेंढर सब डिवीजन के बलनोई क्षेत्र में एक बड़ा हादसा हुआ है। यहां भारतीय सेना का एक वाहन 300 फीट गहरी खाई में गिर गया। इस दुर्घटना में 5 जवानों की मौत हो गई और 12 जवान गंभीर रूप से घायल हो गए हैं। एक जवान को इस हादसे में मामूली चोटें आई हैं। बताया जा रहा है कि वाहन में कुल 18 जवान सवार थे। घायलों को अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती कराया गया है और सुरक्षा बलों ने राहत कार्य शुरू कर दिया है।
यह भी पढ़ें:India vs Pakistan: ICC Champions Trophy 2025 का शेड्यूल जारी, 23 फरवरी को होगा महामुकाबला
जम्मू-कश्मीर में एक बड़े हादसे की खबर सामने आई है। यहां नियंत्रण रेखा के पास भारतीय सेना का एक वाहन 300 फीट गहरी खाई में गिर गया, जिससे पांच जवानों की जान चली गई। हादसा नीलम मुख्यालय से बलनोई घोरा पोस्ट की ओर जा रहे 11 एमएलआई सैन्य वाहन के साथ हुआ। प्रारंभिक जानकारी के अनुसार, वाहन का नियंत्रण खो जाने के कारण यह हादसा हुआ और वाहन खाई में गिर गया। हादसे की सूचना मिलते ही पुलिस और सेना के जवान मौके पर पहुंचे और राहत कार्य शुरू किया।
जानिए पूरी घटना
पुंछ जिले के मेंढर सब-डिविजन के मानकोट सेक्टर स्थित बलनोई इलाके में भारतीय सेना का एक वाहन 300 फीट गहरी खाई में गिर गया, जिससे बड़ा हादसा हुआ। सूत्रों के मुताबिक, सेना के जवान वाहन में सवार होकर अपनी पोस्ट की ओर जा रहे थे, तभी वाहन के चालक ने नियंत्रण खो दिया और यह दुर्घटना घटी। पुलिस सूत्रों के अनुसार, वाहन में कुल 18 जवान सवार थे। राहत और बचाव कार्य जारी है, और घायलों को नजदीकी अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
प्रारंभिक रिपोर्टों से पता चलता है कि इस घटना में अब तक पांच जवानों की मौत हो गई है।हादसे में घायल हुए सेना के जवानों में से कुछ की हालत गंभीर बताई जा रही है। राहत और बचाव कार्य जारी है, और घायलों को नजदीकी अस्पताल में भर्ती कराया गया है। घटना के बाद रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है, और राहत व बचाव दल मौके पर पहुंचकर घायलों को सुरक्षित निकालने की कोशिश कर रहे हैं। यह हादसा नियंत्रण रेखा (LoC) के पास हुआ है, जो पुलिस पोस्ट मानकोट और थाना मेंढर के तहत आता है।
कश्मीर में पड़ रही कड़ाके की ठंड
जम्मू-कश्मीर में इस समय भीषण सर्दी का सामना किया जा रहा है, जहां शीत लहर के बीच अघोषित बिजली कटौती भी हो रही है। ठंड से बचने के लिए बिजली से चलने वाले उपकरण नाकाम साबित हो रहे हैं, जिसके कारण कश्मीरवासी अब पारंपरिक तरीकों की ओर लौट रहे हैं। कश्मीर में 40 दिनों की सबसे भीषण सर्दी चिल्ला-ए-कलां का दौर जारी है।
हाल ही में श्रीनगर में 33 साल में सबसे ठंडी रात रही, जब न्यूनतम तापमान शून्य से 8.5 डिग्री सेल्सियस नीचे गिर गया। घाटी के अन्य क्षेत्रों में भी तापमान शून्य से नीचे रहा, जिससे कई स्थानों पर जलापूर्ति की पाइपलाइन में पानी जमने की घटनाएं भी देखने को मिलीं।
जम्मू-कश्मीर में बढ़ती ठंड और अघोषित बिजली कटौती के कारण सड़क हादसों की संख्या में भी इजाफा हो रहा है। ठंड की वजह से ड्राइवरों को वाहन चलाते वक्त विजन स्पष्ट नहीं हो पाता, जिसके कारण वे हादसों का शिकार हो रहे हैं। इस स्थिति में कई बार खराब दृश्यता और बर्फबारी के कारण वाहन नियंत्रित नहीं हो पाते, जिससे सड़क पर दुर्घटनाओं की संख्या बढ़ रही है।