जम्मू-कश्मीर में वैष्णो देवी मंदिर तक जाने वाले प्रस्तावित रोपवे प्रोजेक्ट के खिलाफ स्थानीय लोगों का विरोध-प्रदर्शन लगातार जारी है। सोमवार को भी करीब 2 हजार लोगों ने इस प्रोजेक्ट के खिलाफ उग्र प्रदर्शन किया। विरोध प्रदर्शन के दौरान हिंसा की भी स्थिति उत्पन्न हुई, जब प्रदर्शनकारियों ने पुलिस पर पथराव किया। स्थानीय लोगों का आरोप है कि यह प्रोजेक्ट उनके जीवन और पर्यावरण पर नकारात्मक प्रभाव डालेगा, जिसको लेकर उनका विरोध बढ़ता जा रहा है।
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जम्मू और कश्मीर के रियासी जिले के कटड़ा में श्री माता वैष्णो देवी मंदिर के रास्ते पर प्रस्तावित रोपवे परियोजना के खिलाफ सोमवार को प्रदर्शन उग्र हो गया। दुकान मालिकों और श्रमिकों द्वारा आयोजित विरोध मार्च के दौरान कुछ प्रदर्शनकारी पुलिस के साथ भिड़ गए। पुलिस के अनुसार, स्थिति बिगड़ने पर अधिकारियों ने बातचीत के जरिए हालात को शांत करने की कोशिश की। इस दौरान एक पुलिसकर्मी घायल हो गए।
22 नवंबर को शुरू हुए इस विरोध प्रदर्शन का सोमवार को चौथा दिन था, और यह प्रदर्शन लगातार तीन दिनों से जारी है। आज के प्रदर्शन में कांग्रेस नेता भूपेंद्र सिंह भी प्रदर्शनकारियों के साथ मौजूद थे। बता दें कि भूपेंद्र सिंह पिछले कुछ सालों से वैष्णो देवी ट्रैक पर काम करने वाले मजदूरों के नेता के रूप में सक्रिय हैं।
‘भारत माता की जय’ के नारे लगाते हुए सैकड़ों प्रदर्शनकारियों ने कटड़ा कस्बे में मार्च निकाला और धरना दिया। यह धरना पहले 72 घंटे के लिए आयोजित किया गया था, लेकिन रविवार रात को इसे 24 घंटे के लिए और बढ़ा दिया गया। यह विरोध उस समय शुरू हुआ जब श्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड ने 250 करोड़ रुपये की लागत से तारकोट मार्ग और संजी छत के बीच रोपवे परियोजना शुरू करने की घोषणा की। दुकानदारों और श्रमिकों को डर है कि इस परियोजना के शुरू होने से उनका रोजगार प्रभावित हो सकता है।
सोमवार को प्रदर्शन कर रहे मजदूरों को पुलिस ने रोकने की प्रयास किया, लेकिन उन्होंने पुलिस की बात नहीं मानी। जब पुलिस ने सख्ती से उन्हें हटाने की कोशिश की, तो प्रदर्शनकारियों ने पथराव शुरू कर दिया। इस पत्थरबाजी में कई पुलिसकर्मी घायल हो गए। स्थिति को नियंत्रित करने के लिए पुलिस प्रशासन के साथ सीआरपीएफ की 6 बटालियन भी मौके पर मौजूद है और लगातार प्रदर्शनकारियों को समझाने का प्रयास किया जा रहा है।
श्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड 12 किलोमीटर ट्रैक पर ताराकोटे मार्ग से सांजी छत के बीच 250 करोड़ रुपये की यात्री रोपवे परियोजना को लागू करने की कोशिश कर रहा है। हालांकि, इस योजना की घोषणा के बाद दुकानदारों, खच्चर और पालकी मालिकों ने विरोध-प्रदर्शन शुरू कर दिया है, जो 22 नवंबर से लगातार जारी है।
रियासी के डिप्टी कमिश्नर, विशेष महाजन ने आज बताया कि प्रशासन ने प्रदर्शनकारियों से बातचीत की और उनकी मांगों को ध्यान से सुना। उन्होंने भरोसा दिलाया कि सभी पक्षों के लिए उपयुक्त समाधान निकाला जाएगा। महाजन ने आगे बताया कि श्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड से भी चर्चा की गई, और उन्होंने इस मुद्दे को गंभीरता से देखे जाने का आश्वासन दिया। डिप्टी कमिश्नर ने कहा कि हमने श्राइन बोर्ड से अनुरोध किया था, जिसके बाद फिलहाल काम रोक दिया गया है। उन्होंने यह भी बताया कि प्रदर्शनकारियों ने यह सुनिश्चित किया है कि वे तीर्थयात्रियों को किसी भी प्रकार की असुविधा नहीं होने देंगे।
श्राइन बोर्ड ने तीर्थयात्रियों के लिए सुरक्षित और तेज यात्रा की सुविधा के लिए लंबे समय से प्रतीक्षित रोपवे परियोजना के कार्यान्वयन की घोषणा पिछले हफ्ते की थी. श्राइन बोर्ड के सीईओ अंशुल गर्ग के मुताबिक रोपवे परियोजना एक गेम चेंजर होगी. खासकर उन तीर्थयात्रियों के लिए जिन्हें मंदिर तक यात्रा करना चुनौतीपूर्ण लगता है.
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