बेगूसराय के बरौनी जंक्शन पर रविवार को एक दर्दनाक रेल हादसा हो गया, जिसमें रेल कर्मी अमर कुमार की इंजन और बोगी के बीच दबकर मौत हो गई। हादसे के बाद स्टेशन पर अफरा-तफरी मच गई, और करीब दो घंटे तक मृतक का शव बोगी में फंसा रहा। शव को बोगी से निकालने के लिए अधिकारियों और कर्मचारियों को बड़ी मशक्कत करनी पड़ी। इस हादसे ने स्टेशन पर काम कर रहे अन्य कर्मचारियों को भी हिलाकर रख दिया। हादसे के बाद मृतक के परिजनों में गहरा शोक छा गया है।
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बिहार के बेगुसराय जिले के बरौनी जंक्शन पर शंटिंग ऑपरेशन के दौरान ट्रेन के इंजन और एक डिब्बे के बीच फंसने से 35 वर्षीय एक रेलवे कर्मचारी की मौत हो गई। यह घटना शनिवार को हुई जब अमर कुमार राउत बरौनी जंक्शन पर ट्रेन समाप्त होने के बाद लखनऊ-बरौनी एक्सप्रेस (ट्रेन नंबर: 15204) के इंजन को अलग कर रहे थे।
जानकारी के अनुसार, 15204 डाउन बरौनी-लखनऊ एक्सप्रेस जब बरौनी जंक्शन पर पहुंची, तो ट्रेन सेटिंग स्टाफ ने पहले इंजन को ट्रेन से अलग किया और फिर ईंधन भरवाने के लिए भेजा। ईंधन भरवाने के बाद, जब इंजन को ट्रेन की बोगियों से जोड़ने की प्रक्रिया शुरू की गई, तब ट्रेन की कपलिंग (जो इंजन और बोगी को जोड़ती है) को सेट करते समय अमर कुमार इस कार्य में संलग्न थे।
अचानक इंजन पीछे की ओर बढ़ गया, और कपलिंग जोड़ने के दौरान अमर कुमार इंजन और बोगी के बीच फंस गए। इस दर्दनाक हादसे में उनकी मौके पर ही मौत हो गई। हादसे के बाद स्टेशन पर हड़कंप मच गया और करीब दो घंटे तक शव बोगी में फंसा रहा। काफी मशक्कत के बाद शव को बोगी से निकाला गया।
घटना के एक वीडियो में अमर को ट्रेन के इंजन और पावर कार के बीच फंसा हुआ दिखाया गया जब ट्रेन बरौनी जंक्शन के प्लेटफॉर्म नंबर 5 पर खड़ी थी। घटना की सूचना मिलते ही सोनपुर रेल मंडल के वरिष्ठ अधिकारी मौके पर पहुंचे और घटना की जांच के आदेश दिये.
“यह एक बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण घटना है जो कार्यस्थल पर नहीं होनी चाहिए। हमने तुरंत मामले की अधिकारी-स्तरीय जांच के आदेश दिए। हमने पीड़ित परिवार को अंतिम संस्कार भत्ता जारी कर दिया है और अमर के परिवार को सेवा नियमों के तहत मुआवजा दिया जाएगा।” डीआरएम सोनपुर ने कहा. डीआरएम ने कहा, “जांच पूरी होने के बाद आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई और सुधारात्मक कदम उठाए जाएंगे।”
रेलवे अधिकारियों ने बताया कि ट्रेन परिचालन के दौरान सुरक्षा व्यवस्था का सख्ती से पालन सुनिश्चित करने के लिए बरौनी जंक्शन पर सभी विभागों की एक बैठक भी बुलाई गई थी।
कर्मचारियों ने लापरवाही और स्टाफ की कमी पर जताई आपत्ति
इस हादसे के बाद रेल कर्मचारियों ने नाराजगी जताई और रेलवे प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगाया। कर्मचारियों का कहना है कि ट्रेन सेटिंग में चार लोगों की आवश्यकता होती है, लेकिन मौके पर केवल एक ही कर्मचारी अमर कुमार को यह जिम्मेदारी दी गई थी। इसी लापरवाही के चलते यह हादसा हुआ। कर्मचारियों का कहना है कि इस प्रकार के हादसों से बचने के लिए रेल प्रशासन को स्टाफ की कमी पूरी करनी चाहिए और सुरक्षा के पर्याप्त इंतजाम करने चाहिए।
अमर कुमार की मौत के बाद परिवार में मचा कोहराम, मुआवजे की मांग
अमर कुमार की मौत की खबर सुनते ही उनके परिवार में चीख पुकार मच गई। उनके परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है, और वे प्लेटफॉर्म पर आकर बिलखने लगे। अमर को अनुकंपा पर नौकरी मिली थी, क्योंकि उनके पिता भी रेलवे में कार्यरत थे, और उनकी मृत्यु के बाद ही अमर को यह नौकरी दी गई थी। रेलवे कर्मचारियों ने मृतक के परिवार को उचित मुआवजे और एक स्थायी नौकरी देने की मांग की है।
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