Jyoti Malhotra: पता नहीं कब तक रहेंगी सरहदों की दूरियां…’, ज्योति की डायरी के पन्नों ने किया बड़ा खुलासा

ज्योति की डायरी के पन्नों ने किया बड़ा खुलासा

यूट्यूबर ज्योति मल्होत्रा की गिरफ्तारी के बाद अब उनके पुराने दस्तावेज़ों में से एक डायरी सामने आई है, जो उनके पाकिस्तान प्रेम की झलक दिखाती है। यह डायरी वर्ष 2012 के कैलेंडर पर आधारित है और इसमें उन्होंने अपने पाकिस्तान दौरे के अनुभव और भावनाएं विस्तार से दर्ज की हैं।यूट्यूबर ने पाकिस्तान यात्रा के दौरान जो सूचनाएं जुटाईं, यात्रा पर जाने से लेकर आने तक, जो भी अनुभव रहे, उन्हें इस डायरी में साझा किया।ज्योति ने पाकिस्तान को लेकर लिखा है… पाकिस्तान से 10 दिन का सफर तय करके आज आ गई हूं अपने देश इंडिया/भारत। इस दौरान पाकिस्तान की आवाम से काफी महोब्बत मिली। हमारे सबस्क्राइबर, फ्रेंडस भी हमसे मिलने आए। लाहौर घूमने के लिए मिला दो दिन का वक्त काफी कम था। सरहदों की दूरियां पता नहीं कब तक बरकरार रहेंगी पर दिलों में जो गिले शिकवे हैं वो मिट जाएं।

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यूट्यूबर ज्योति मल्होत्रा की गिरफ्तारी के बाद अब एक और बड़ा खुलासा सामने आया है. हाल ही में उनकी एक पुरानी निजी डायरी सामने आई है, जिसमें उन्होंने पाकिस्तान यात्रा से जुड़े अनुभव और विचार साझा किए हैं।

बताया जा रहा है कि यह डायरी साल 2012 के कैलेंडर की है, जिसे उन्होंने पाकिस्तान दौरे के बाद खुद लिखा था। डायरी में ज्योति मल्होत्रा ने अपने भावनात्मक अनुभवों को विस्तार से व्यक्त किया है। उन्होंने लिखा— “पाकिस्तान से 10 दिन का सफर तय करके आज वापस भारत लौटी हूं। वहां की आवाम से बहुत मोहब्बत मिली। हमारे सब्सक्राइबर और दोस्त भी हमसे मिलने आए।”

उन्होंने यह भी लिखा कि उन्हें लाहौर घूमने का मौका मिला, हालांकि समय कम था। डायरी में एक जगह उन्होंने सरहदों को लेकर भावनात्मक टिप्पणी करते हुए लिखा— “सरहदों की दूरियां पता नहीं कब तक रहेंगी, लेकिन दिलों के गिले-शिकवे मिट जाने चाहिए। हम सब एक ही मिट्टी के हैं।

डायरी के मुख्य बिंदु

  • डायरी वर्ष 2012 के कैलेंडर पर आधारित है, जिसके पीले रंग के पन्नों पर ज्योति ने अपने मन के भाव, और यात्रा के अनुभव साझा किए हैं।
  • उन्होंने लिखा
    पाकिस्तान से 10 दिन का सफर तय करके आज आ गई हूं अपने देश भारत। पाकिस्तान की आवाम से काफी मोहब्बत मिली। लाहौर घूमने के लिए मिला दो दिन का वक्त काफी कम था। सरहदों की दूरियां पता नहीं कब तक रहेंगी, लेकिन दिलों में जो गिले-शिकवे हैं वो मिट जाएं। हम सब एक ही धरती, एक ही मिट्टी के हैं।

सरहदों की दूरियां पता नहीं कब तक बरकरार रहेंगी पर दिलों में जो गिले शिकवे हैं वो मिट जाएं। हम सब एक ही धरती, एक ही मिट्टी के हैं। अगर ऐसा कुछ हो जिसको वीडियो में शेयर न किया हो तो आप बेझिझक कमेंट में पूछ सकते हैं। अब दीजिए इजाजत पाकिस्तान की सरहद यहीं तक थी।

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