कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया सोमवार को एक सार्वजनिक कार्यक्रम के दौरान उस वक्त नाराज़ हो गए, जब कुछ लोगों ने उनके भाषण के बीच विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया। घटना बेलगावी जिले में ‘संविधान बचाओ और महंगाई विरोधी रैली’ के दौरान हुई, जिसमें कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और कैबिनेट मंत्री भी मौजूद थे।
यह भी पढ़ें: बरसाना में दिल दहला देने वाली वारदात, महिला का शव कुएं से बरामद, नामजद युवक पर हत्या का आरोप
महंगाई को लेकर केंद्र सरकार के खिलाफ आज कर्नाटक में विरोध प्रदर्शन हुआ। जिसमें मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने भी हिस्सा लिया और जनता को संबोधित किया। हालांकि, कार्यक्रम के दौरान एक अप्रत्याशित घटनाक्रम सामने आया जिसने सबका ध्यान खींचा।सभा के बीच कुछ लोगों ने मुख्यमंत्री पर पाकिस्तान समर्थक होने का आरोप लगाते हुए काले कपड़े लहराकर विरोध जताया। इस विरोध से नाराज होकर मुख्यमंत्री ने मंच पर मौजूद पुलिस अधिकारियों को फटकार लगाई और सवाल किया कि ऐसी स्थिति को रोकने के लिए पर्याप्त इंतजाम क्यों नहीं किए गए।
प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, कुछ प्रदर्शनकारियों ने काले झंडे दिखाए और नारेबाज़ी की, जिससे माहौल तनावपूर्ण हो गया। मुख्यमंत्री ने गुस्से में मंच पर मौजूद पुलिस अधिकारी को बुलाया और सवाल किया कि विरोध को क्यों नहीं रोका जा रहा।
मुख्यमंत्री ने इसके बाद भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और आरएसएस पर सामाजिक सौहार्द बिगाड़ने और माहौल खराब करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, भाजपा समाज में आग लगाने की कोशिश कर रही है, लेकिन कांग्रेस ऐसे प्रयासों से डरने वाली नहीं है।
कार्यक्रम के दौरान कांग्रेस महासचिव रणदीप सुरजेवाला और मंत्री एच.के. पाटिल ने मुख्यमंत्री को शांत करने की कोशिश की। बाद में, मुख्यमंत्री ने अपने भाषण में स्पष्ट किया कि कांग्रेस केंद्र सरकार के खिलाफ अपने महंगाई विरोधी आंदोलन को जारी रखेगी।
इस घटना के बाद प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष और उप मुख्यमंत्री डी.के. शिवकुमार ने भी भाजपा को चेतावनी देते हुए कहा कि अगर विरोध का यह रवैया जारी रहा, तो कांग्रेस भाजपा के किसी भी सार्वजनिक कार्यक्रम को राज्य में नहीं होने देगी। शिवकुमार ने कहा, यह कांग्रेस पार्टी की चेतावनी है – अगर भाजपा सुधरी नहीं, तो हम भी जवाब देने के लिए तैयार हैं।