दिल्ली: केजरीवाल ने लॉन्च की ‘पुजारी-ग्रंथी सम्मान स्कीम, मासिक 18 हजार रुपये का वादा

दिल्ली: केजरीवाल ने लॉन्च की 'पुजारी-ग्रंथी सम्मान स्कीम, मासिक 18 हजार रुपये का वादा

आम आदमी पार्टी (AAP) ने दिल्ली में 31 दिसंबर, मंगलवार से ‘पुजारी-ग्रंथी सम्मान योजना’ का शुभारंभ किया है। इस योजना की शुरुआत आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने मरघट वाले बाबा के मंदिर (ISBT) से की। योजना के तहत पुजारियों और ग्रंथियों को प्रतिमाह 18,000 रुपये की सम्मान राशि दी जाएगी। इस पहल का उद्देश्य धार्मिक समुदाय के योगदान को मान्यता देना और उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार करना है।

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आम आदमी पार्टी, जो पहले मुख्यमंत्री महिला सम्मान योजना और बुजुर्गों के लिए स्वास्थ्य योजना ‘संजीवनी’ को लेकर विवादों में घिरी थी, अब एक नई योजना लेकर आई है। दिल्ली के मुख्यमंत्री आतिशी और पूर्व मुख्यमंत्री एवं आप के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने आज ‘पुजारी-ग्रंथी सम्मान योजना’ का शुभारंभ किया। इस योजना के तहत पुजारियों और ग्रंथियों को हर महीने 18,000 रुपये की सम्मान राशि दी जाएगी।

पुजारी-ग्रंथी सम्मान योजना के लिए रजिस्ट्रेशन शुरू, जानें कैसे मिलेगा लाभ

अरविंद केजरीवाल ने मंगलवार को मरघट वाले बाबा के मंदिर (ISBT) में दर्शन करने के बाद ‘पुजारी-ग्रंथी सम्मान योजना’ के लिए पंजीकरण का शुभारंभ किया। इस योजना के तहत, दिल्ली के मंदिरों के पुजारियों और गुरुद्वारों के ग्रंथियों को 18,000 रुपये प्रतिमाह सम्मान राशि देने की घोषणा की गई है। केजरीवाल ने बताया कि यदि उनकी सरकार सत्ता में लौटती है, तो यह योजना पूरे दिल्ली में लागू की जाएगी।

आज से ही इस योजना के लिए पंजीकरण की प्रक्रिया शुरू हो गई है। बताया जा रहा है की दिल्ली भर में आम आदमी पार्टी (AAP) के विधायक और कार्यकर्ता मंदिरों और गुरुद्वारों में जाकर ‘पुजारी-ग्रंथी सम्मान योजना’ के तहत रजिस्ट्रेशन करेंगे।

दिल्ली में पुजारी-ग्रंथी: आप का दावा, 10 हजार से ज्यादा

आम आदमी पार्टी ने ‘पुजारी-ग्रंथी सम्मान योजना’ के तहत एक महत्वपूर्ण घोषणा की है। पार्टी के अनुसार, इस योजना में पूजा कराने वाले व्यक्ति को पुजारी माना जाएगा और उनका मतदाता पहचान पत्र भी योजना में मान्य होगा। आम आदमी पार्टी का दावा है कि दिल्ली में पुजारियों और ग्रंथियों की संख्या 10,000 से अधिक है।

इनमें से अधिकांश के मतदाता पहचान पत्र मंदिर के पते पर बने हुए हैं। यदि किसी पुजारी का पहचान पत्र नहीं है, तो मंदिर का मुख्य पुजारी उसके बारे में मंदिर के दस्तावेजों के आधार पर प्रमाणित करेगा, और उसे भी उसी मंदिर का पुजारी माना जाएगा।

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