दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की मुसीबतें शराब घोटाले के मामले में कम होने का नाम नहीं ले रही है। एक तरफ जहां केजरीवाल की जमानत याचिक पर कल सुनवाई होनी है तो इस बीच अब सामने आ रहा है कि कल ही ईडी इस मामले में चार्जशीट दाखिल करने जा रही है।
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सूत्रों ने कहा कि प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) शुक्रवार (10 मई) को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के खिलाफ उत्पाद शुल्क नीति से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में एक पूरक आरोप पत्र दायर कर सकता है। कथित दिल्ली उत्पाद शुल्क नीति मामले में केजरीवाल को प्रवर्तन निदेशालय ने 21 मार्च को गिरफ्तार किया था।
सुप्रीम कोर्ट ने समन टालने का पूंछा कारण
इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान उनके वकील से पूछा था कि केजरीवाल ने 9 बार समन को क्यों टाला. जस्टिस संजीव खन्ना ने पूछा था कि ईडी ने केजरीवाल को 9 बार नोटिस भेजा, उन्होंने हर बार क्यों टाल दिया? इस पर अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा था, ‘जब सीबीआई ने बुलाया तो वह गए अरविंद केजरीवाल ने ईडी के नोटिस का विस्तार से जवाब दिया. लेकिन ईडी यह नहीं कर सकती कि आप समन भेजने पर नहीं आए, इसलिए हमने गिरफ्तार किया डी दफ्तर न जाना उनका अधिकार है. इस पर अलग से मुकदमा चलाया जा रहा है. ईडी ने गिरफ्तारी से पहले पीएमएलए की धारा 50 के तहत केजरीवाल का बयान दर्ज नहीं किया. संजय सिंह के मामले में भी ऐसा ही हुआ था
केजरीवाल की जमानत को लेकर कोर्ट ने क्या कहा
सुप्रीम कोर्ट ने शराब घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में ईडी द्वारा उनकी गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली दिल्ली के मुख्यमंत्री की याचिका पर मंगलवार (7 मई) को अपना आदेश सुरक्षित रख लिया। कोर्ट ने मंगलवार को कोई आदेश नहीं सुनाया और फैसला सुरक्षित रख लिया. शीर्ष अदालत इस मामले पर गुरुवार या अगले सप्ताह सुनवाई कर सकती है।
सुप्रीम कोर्ट ने केजरीवाल के वकील से कहा कि अगर वह केजरीवाल को अंतरिम जमानत देता है तो वह नहीं चाहता कि वह आधिकारिक कर्तव्यों का पालन करें क्योंकि इससे कहीं न कहीं टकराव पैदा होगा। इसमें कहा गया, ”हम सरकार के कामकाज में बिल्कुल भी हस्तक्षेप नहीं चाहते।” सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अगर चुनाव नहीं होते तो कोई अंतरिम राहत नहीं मिलती.
कोर्ट ने कहा, “हम सरकार के कामकाज में बिल्कुल भी हस्तक्षेप नहीं चाहते हैं। अरविंद केजरीवाल दिल्ली के निर्वाचित मुख्यमंत्री हैं और मौजूदा लोकसभा चुनाव को देखते हुए मौजूदा परिस्थितियां असाधारण हैं।”
जांच एजेंसी ने कोर्ट में क्या कहा था?
ED ने कोर्ट में कहा था कि केजरीवाल को जांच में सहयोग करने के सिलसिले में पूछताछ के लिए 9 बार समन जारी किए गए. 9 समन के बावजूद अरविंद केजरीवाल प्रवर्तन निदेशालय के सामने पेश न होकर पूछताछ से बच रहे थे. ED ने कहा था कि घोटाले की अवधि के दौरान 36 व्यक्तियों ने करीब 170 से ज्यादा मोबाइल फोन बदले और नष्ट कर किये गए. ED ने अपने जवाब में केजरीवाल की उन दलीलों को भी नकारा था, जिनमें आरोप लगाया गया था कि चुनाव के वक्त गिरफ्तार करके उन्हें चुनाव प्रचार से रोकने का काम किया गया है
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