Holika Dahan Timing 2024: इस साल होलिका दहन 24 मार्च को होगा. जबकि रंग वाली होली 25 मार्च को रंग-गुलाल उड़ेंगे. होलिका दहन के लिए चौराहों पर होलिका सज गई हैं। रविवार सुबह 9:36 बजे से भद्रा काल लग जाएगा। प्रमुख चौराहों पर उपलों की होली बनाकर ऊपर होलिका व भक्त प्रहलाद की प्रतिमा रखी जा रहीं हैं।
यह भी पढ़ें : उच्च न्यायालय ने अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली याचिका खारिज, जाने फुल अपडेट।
तीर्थनगरी मथुरा में इन दिनों होली की धूम है। जो पूरी दुनिया में विख्यात है फाल्गुन मास की पूर्णिमा तिथि यानी आज रविवार को होलिका-दहन का पर्व हर्षोल्लास से मनाया जाएगा। लोग इसे छोटी होली भी कहते हैं। इसके लिए प्रमुख चौराहों और मोहल्लों में उपले सजाकर होलिका का रूप दे दिया जाता है।
ज्योतिषाचार्य पंडित विनोद शास्त्री ने बताया कि इस वर्ष होलिका-दहन पर भद्रा का साया है। इसके कारण होलिका-दहन के समय में थोड़ा समय लगेगा। सोमवार को रंग की होली खेली जाएगी। ज्योतिषाचार्य पंडित विनोद शास्त्री ने बताया कि 25 मार्च को इस बार चंद्र ग्रहण सुबह 10:25 मिनट से दोपहर में 3:02 मिनट तक रहेगा लेकिन भारत में यह दिखाई नहीं देगा, इसके चलते कोई सूतक भी मान्य नहीं है।
कब से कब तक होलिका दहन पर भद्रा ?
24 मार्च को होलिका-दहन के दिन भद्रा का साया सुबह 9 बजकर 36 मिनट से लेकर रात 10 बजकर 27 मिनट तक रहेगा. इसलिए रात 10 बजकर 27 मिनट के बाद ही होलिका दहन किया जा सकता है।
होलिका दहन शुभ मुहूर्त
हिंदू पंचांग के अनुसार, इस साल फाल्गुन मास की पूर्णिमा तिथि 24 मार्च को सुबह 9 बजकर 54 मिनट से लेकर 25 मार्च को दोपहर 12 बजकर 29 मिनट तक रहेगी. ऐसे में होलिका दहन 24 मार्च को किया जाएगा. होलिका दहन का शुभ मुहूर्त 24 मार्च को रात 11.13 बजे से रात 12.27 बजे तक रहेगा.
कैसे करें होली की पूजा
सनातन धर्म होलिका दहन से पहले होली पूजन की परंपरा होती है, पंडित विनोद शास्त्री ने बताया कि सुबह होलिका पूजन करने के लिए सबसे पहले दीपक जलाएं, फिर होली पर फूल से पानी छिड़कें, इसके बाद होली पर मौली व कच्चा सूत लपेटें। कुमकुम, अबीर और गुलाल चढ़ाएं, अक्षत, फूल अर्पित करें, मिठाई का नैवेद्य लगाकर थोड़ा सा जल चढ़ाएं। अन्य पूजन सामग्री के साथ पहली फसल, गेहूं की बालियां, अनाज, देशी कपूर और गाय के गोबर से बने उपले होलिका में अर्पित करें।
क्या करें होलिका दहन में?
होलिका दहन से होलिका मैय्या को जल अर्पित करें, विधिवत पूजन के बाद होलिका दहन करें. होलिका दहन की अग्नि में जो,गेंहू की बालियां भूंजे, गोबर के उपले और काले तिल डालें. इस अग्नि की 5 बार परिक्रमा करें. इसके बाद अग्नि को प्रणाम करके अपनी मनोकामनाएं कहें. होलिका की अग्नि की राख से स्वयं का और घर के लोगों का तिलक करें, और सभी बड़ों के पैर छूकर आशीर्वाद लें.
मथुरा द्वारिकाधीश मंदिर में कल सुबह होगा होलिका दहन
पुष्टिमार्गीय संप्रदाय के मंदिर ठा. द्वारिकाधीश में 25 मार्च की सुबह 6:15 बजे से 6:30 बजे तक होलिका दहन होगा। विधि प्रभारी राकेश तिवारी एडवोकेट ने बताया कि 25 मार्च को मंगला, ग्वाल, शृंगार के दर्शन समय अनुसार और डोल की पहली झांकी 10 बजे, डोल महोत्सव के विशेष दर्शन दोपहर 1:30 बजे से 2:30 बजे तक होंगे। इसके बाद सेवा चालू रहेगी और शयन के दर्शन शाम 4:30 बजे से 5 बजे तक होंगे।
Trending Videos you must watch it