प्रयागराज महाकुंभ में चर्चित रहीं हर्षा रिछारिया ने सोमवार सुबह वृंदावन से संभल तक 175 किलोमीटर लंबी पदयात्रा की शुरुआत की। बांके बिहारी मंदिर में दर्शन और पूजा के बाद जयकारों के बीच यात्रा प्रारंभ हुई। मंदिर में चप्पल खो जाने के बावजूद हर्षा ने नंगे पांव यात्रा शुरू की।इस यात्रा में मथुरा की अलीशा खान भी शामिल हुईं, जो नकाब पहनकर और माथे पर टीका लगाकर निकलीं। उन्होंने बताया कि सनातन संस्कृति ने उन्हें प्रभावित किया है और उन्होंने हाल ही में प्रेम विवाह के बाद सनातन को अपनाया है।
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प्रयागराज महाकुंभ में चर्चित रहीं हर्षा रिछारिया ने सोमवार को वृंदावन से संभल तक की 175 किलोमीटर लंबी पदयात्रा की शुरुआत की। बांके बिहारी मंदिर में पूजा-अर्चना के बाद जयकारों और फूलों की वर्षा के बीच हर्षा ने नंगे पांव यात्रा आरंभ की, क्योंकि दर्शन के दौरान उनकी चप्पल खो गई थी।
यात्रा की खास बात मथुरा की अलीशा खान की सहभागिता रही, जो नकाब और माथे पर टीका लगाए शामिल हुईं। अलीशा ने हाल ही में सनातन धर्म अपनाया है और बताया कि उन्होंने प्रेम विवाह के बाद सनातन संस्कृति से गहरा जुड़ाव महसूस किया।
हर्षा रिछारिया ने बताया कि यह यात्रा युवाओं को सनातन धर्म के प्रति जागरूक करने और उन्हें धार्मिक मार्ग पर लौटाने का प्रयास है। यह पदयात्रा 20 अप्रैल को संभल पहुंचेगी, और 21 अप्रैल को समापन कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा।