राजधानी लखनऊ के महिगवां थाना क्षेत्र के खंतरी गांव में शनिवार को डॉ. भीमराव अंबेडकर की प्रतिमा स्थापित किए जाने को लेकर विवाद हो गया। इसे हटाने के विरोध में लोगों ने विरोध प्रदर्शन करना शुरू कर दिया। सैकड़ों की संख्या में महिलाएं-पुरुष एकत्र होकर नारेबाजी करने लगीं। पुलिस के समझाने पर प्रदर्शनकारियों ने पथराव कर दिया, जिसमें महिला थाना प्रभारी मेनका सिंह समेत कई पुलिसकर्मी घायल बताए जा रहे हैं।
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उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के महिंगवा थाना क्षेत्र स्थित खंतारी गांव में शनिवार को डॉ. भीमराव अंबेडकर की प्रतिमा को लेकर विवाद खड़ा हो गया। सरकारी भूमि पर बिना प्रशासनिक अनुमति स्थापित की गई प्रतिमा को हटाने पहुंची पुलिस और प्रशासनिक टीम को ग्रामीणों के तीव्र विरोध का सामना करना पड़ा, जिससे मौके पर तनावपूर्ण स्थिति उत्पन्न हो गई।
सैकड़ों की संख्या में ग्रामीण, जिनमें महिलाएं और बुज़ुर्ग भी शामिल थे, प्रतिमा हटाने का विरोध करते हुए सड़क पर उतर आए और नारेबाजी शुरू कर दी। पुलिस द्वारा समझाने का प्रयास करने पर स्थिति और बिगड़ गई और प्रदर्शनकारियों ने पथराव शुरू कर दिया। पथराव में महिंगवा थाने के दारोगा रामेन्द्र सिंह, हेड कांस्टेबल जयप्रकाश, लाल मोहम्मद, बीकेटी थाने के दारोगा शेष मणि मिश्रा सहित चार पुलिसकर्मी घायल हो गए।
स्थिति को नियंत्रण में लाने के लिए बीकेटी, इटौंजा, मड़ियांव थानों की पुलिस के साथ पीएसी और महिला थाना पुलिस को मौके पर भेजा गया। भीड़ के उग्र होते देख पुलिस ने लाठीचार्ज और आंसू गैस के गोले छोड़ने पड़े।
उपजिलाधिकारी बख्शी का तालाब, सतीश चंद्र त्रिपाठी भी मौके पर पहुंचे और हालात का जायज़ा लिया। प्रशासन का कहना है कि ग्राम समाज की जमीन पर बिना अनुमति के स्थापित प्रतिमा को नहीं रहने दिया जा सकता, क्योंकि यह स्पष्ट रूप से कानून का उल्लंघन है।
प्रशासन फिलहाल हालात पर नियंत्रण पाने के लिए हर संभव प्रयास कर रहा है, वहीं घायलों को उपचार के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया है। बताया जा रहा है कि तीन दिन पहले गांव में बाबा साहब भीमराव अंबेडकर की प्रतिमा चोरी छिपे स्थापित कर दी गई थी।