महाविकास अघाड़ी (MVA) गठबंधन ने महायुति गठबंधन के नेताओं पर पैसे बांटने का आरोप लगाया है। इस संदर्भ में वसई विरार में भाजपा नेता विनोद तावड़े पर आरोप लगे हैं कि उन्होंने वहां के कुछ क्षेत्रीय नेताओं को पैसे बांटे। विपक्षी पार्टी बहुजन विकास अघाड़ी (BVA) के कार्यकर्ताओं ने तावड़े को मुंबई के एक होटल के बाहर घेर लिया और इसका विरोध किया। हालांकि, विनोद तावड़े ने इन आरोपों को पूरी तरह से झूठा बताया और कहा कि ये आरोप राजनीति का हिस्सा हैं। हंगामे के बाद, पुलिस ने स्थिति को नियंत्रित करते हुए होटल को सील कर दिया और जांच शुरू कर दी।
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महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव 2024 से एक दिन पहले राज्य में मतदाताओं को पैसे बांटने का मामला सामने आया है। महाविकास अघाड़ी (MVA) गठबंधन ने महायुति गठबंधन के नेताओं पर वोटरों को प्रभावित करने के लिए पैसे बांटने का गंभीर आरोप लगाया है। वसई विरार में भारतीय जनता पार्टी (BJP) के दिग्गज नेता और राष्ट्रीय महासचिव विनोद तावड़े पर पैसे बांटने का आरोप है।
विनोद तावड़े के खिलाफ चुनाव आयोग में शिकायत दर्ज करवाई गई है। आचार संहिता उल्लंघन मामले में उनको खिलाफ एफआईआर भी दर्ज की गई है।
विपक्षी पार्टी बहुजन विकास अघाड़ी (BVA) के कार्यकर्ताओं ने भा.ज.पा. के वरिष्ठ नेता विनोद तावड़े पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उनका कहना है कि तावड़े 5 करोड़ रुपए लेकर वसई विरार पहुंचे थे और इन पैसों को मतदाताओं में बांटने के लिए लाए थे। इस आरोप को लेकर कांग्रेस ने भी एक वीडियो सोशल मीडिया पर साझा किया है, जिसमें कथित तौर पर तावड़े को पैसे बांटते हुए दिखाया गया है। हालांकि, न्यूज बीपी भारत इस वीडियो की सत्यता की पुष्टि नहीं करता है.
सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें देखा जा सकता है कि विपक्षी पार्टी बहुजन विकास अघाड़ी (BVA) के कार्यकर्ता विनोद तावड़े को मुंबई के विवांता होटल के बाहर घेर लेते हैं। यह वीडियो चुनावी माहौल को और भी गरमा सकता है, क्योंकि वीडियो में तावड़े पर आरोप लगाए जा रहे हैं कि उन्होंने मतदाताओं को प्रभावित करने के लिए पैसे बांटे।जानकारी के मुताबिक, इस हंगामे के बाद पुलिस ने होटल को सील कर दिया है, और पूरे मामले की जांच शुरू कर दी गई है। विपक्षी दलों ने इस घटना को चुनावी प्रक्रिया की निष्पक्षता पर हमला बताते हुए इसकी उच्च स्तरीय जांच की मांग की है।
वहीं, विनोद तावड़े ने इन आरोपों को सिरे से नकारते हुए इसे राजनीतिक साजिश करार दिया है। इस पूरे घटनाक्रम के बाद राज्य में चुनावी माहौल और भी तीव्र हो गया है।
विनोद तावड़े ने पैसे बांटने के आरोपों को पूरी तरह से झूठा करार दिया
विनोद तावड़े ने पैसे बांटने के आरोपों को पूरी तरह से झूठा करार दिया है। उन्होंने कहा कि यह आरोप राजनीतिक साजिश के तहत लगाए गए हैं। तावड़े ने मामले की सीसीटीवी फुटेज की जांच करने की अपील की और कहा कि यदि वास्तव में पैसे बांटे गए होते, तो चुनाव आयोग को इस मामले की जांच करनी चाहिए।
तावड़े ने मीडिया से बात करते हुए स्पष्ट किया कि इस तरह के आरोप सिर्फ उनकी छवि को खराब करने के लिए लगाए जा रहे हैं, और उन्होंने इसे पूरी तरह से नकारते हुए कहा कि ऐसी कोई घटना नहीं घटी है। उनका कहना था कि आरोप लगाने वाले पक्ष की मंशा सिर्फ राजनीतिक फायदा उठाने की है।
विनोद तावड़े ने अपने ऊपर लगे आरोपों की सफाई देते हुए कहा कि वह कार्यकर्ताओं से मिलने के लिए होटल पहुंचे थे। उन्होंने स्पष्ट किया कि आरोप पूरी तरह से झूठे हैं और महाविकास अघाड़ी के कार्यकर्ताओं ने बिना आधार के उन पर आरोप लगाए हैं। तावड़े ने कहा कि नालासोपारा के विधायकों की एक महत्वपूर्ण बैठक चल रही थी, जिसमें आदर्श आचार संहिता, वोटिंग मशीनों की सीलिंग और अगर किसी को कोई आपत्ति होती है तो उसके समाधान के बारे में चर्चा की जा रही थी।
विनोद तावड़े ने आगे बताया कि वह इस बैठक के बारे में विधायकों को जानकारी देने के लिए होटल में गए थे। इस दौरान, बहुजन विकास अघाड़ी (BVA) के कार्यकर्ताओं अप्पा ठाकुर और क्षितिज ने गलतफहमी में यह मान लिया कि वह पैसे बांट रहे थे, जबकि ऐसा कुछ नहीं हुआ था।
तावड़े ने आरोपों को नकारते हुए कहा कि यह सब एक राजनीतिक साजिश के तहत किया जा रहा है, ताकि उनकी छवि को नुकसान पहुँचाया जा सके। उन्होंने इस पूरे मामले की सीसीटीवी फुटेज से जांच कराने की भी अपील की और कहा कि यदि कोई गलत काम हुआ है तो चुनाव आयोग को इस पर कार्रवाई करनी चाहिए।
उन्होंने आगे कहा,”(चुनाव आयोग और पुलिस को जांच करनी चाहिए, उन्हें सीसीटीवी फुटेज मिलनी चाहिए। मैं 40 साल से पार्टी में हूं। अप्पा ठाकुर और क्षितिज मुझे जानते हैं, पूरी पार्टी मुझे जानती है, फिर भी मेरा मानना है कि चुनाव आयोग को निष्पक्ष जांच करनी चाहिए।
अमित मालवीय ने आरोपों को बेबुनियाद बताया
अमित मालवीय, जो बीजेपी आईटी सेल के प्रमुख हैं, ने इस मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए आरोपों को बेबुनियाद और झूठा बताया। उन्होंने कहा कि अगर विपक्ष के पास पैसे बांटने के संबंध में कोई ठोस सबूत हैं, तो उन्हें तुरंत चुनाव आयोग के पास जाना चाहिए और इसकी जांच करवानी चाहिए।अमित मालवीय ने इसे राजनीतिक साजिश करार देते हुए कहा, “चुनाव से 24 घंटे पहले नेता अपने बूथ का मैनेजमेंट देखते हैं,
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