दिल्ली शराब नीति केस: मनीष सिसोदिया की न्यायिक हिरासत 18 अप्रैल तक बढ़ी

दिल्ली शराब नीति केस में आम आदमी पार्टी (AAP) नेता मनीष सिसोदिया की न्यायिक हिरासत 18 अप्रैल बड़ा दी गयी है. आप नेता मनीष सिसोदिया को न्यायिक हिरासत में दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने 12 दिन तक रहने का फैसला सुनाया है।न्यायिक हिरासत में दिल्ली मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में न्यायिक हिरासत खत्म होने के बाद आज आप नेता मनीष सिसोदिया को कोर्ट में पेश किया गया.

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राउज ऐवन्यू कोर्ट ने दिल्ली शराब नीति मामले में आम आदमी पार्टी के नेता मनीष सिसोदिया की न्यायिक हिरासत 18 अप्रैल तक बढ़ा दी है.हालांकि इस मामले में मनीष सिसोदिया को 26 फरवरी 2023 को हिरासत में लिया गया था .दरअसल (6 अप्रैल) यानी आज सिसोदिया की हिरासत खत्म हो रही थी। इसे लेकर ही उन्हें कोर्ट में पेश किया गया था।लेकिनअब इस मामले की अगली सुनवाई 18 अप्रैल को की जाएगी.

इससे पहले राऊज एवेन्यू कोर्ट मे नीष सिसोदिया को आज शनिवार (06 अप्रैल) को पेश किया गया. आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय सिंह की दिल्ली शराब नीति मामले में जमानत पर बाहर आ चुके हैं लेकिन मामले की सुनवाई में उपस्थित रहना आवश्यक है. वहीं आज सिसोदिया की हिरासत खत्म हो रही है. और वहीं दोनों एक साथ कोर्ट रूम में बहुत महीनों बाद मौजूद रहे.

2 अप्रैल को उनकी जमानत याचिका पर सुनवाई के दौरान सिसोदिया ने कोर्ट से कहा था कि मुझे जेल में रखने से कोई फायदा नहीं है। उन्होंने यह भी कहा कि मेरे खिलाफ दिल्ली शराब नीति मामले में जांच पहले ही पूरी हो चुकी है।

चिट्ठी में सिसोदिया ने क्या कहा-उन्होंने कहा,’मैं जेल से जल्दी ही बाहर आऊँगा.अंग्रेज शासकों के साथ लोगों के संघर्ष का तुलनात्मक उल्लेख करते हुए यह साबित करने की कोशिश की है कि वे लोगों के मुद्दों को समझते हैं और उनके हितों के लिए काम कर रहे हैं। उन्होंने महात्मा गांधी और नेल्सन मंडेला को अपनी प्रेरणा मानने के लिए जिक्र किया है, जो जीवन भर लोगों के हित में सेवा करने में व्यस्त रहे।. उन्होंने अपने जीवन के कई वर्ष जेल में बिताए थे. सिसोदिया ने पूर्वी दिल्ली में अपने विधानसभा क्षेत्र पटपड़गंज के लोगों को एक पत्र लिखते हुए कहा कि वह अच्छी शिक्षा और विद्यालयों के लिए उसी तरह संघर्ष कर रहे हैं जैसे देश की आजादी के लिए लोगों ने संघर्ष किया था.

शिक्षा मंत्री रह चुके मनीष सिसोदिया ने पत्र में कहा,’ शिक्षा क्रांति जिंदाबाद. आप सभी को प्यार.’ उन्होंने कहा कि अपने निर्वाचन क्षेत्र के लोगों के प्रति उनका प्यार जेल में रहने के दौरान और भी बढ़ गया है और वे सभी उनकी ताकत हैं उन्होंने तानाशाही के खिलाफ कहा कि उनके शिक्षा के क्षेत्र में किए गए प्रयासों का सम्मान करना चाहिए। शिक्षा को समर्थन देने वाले नेताओं की आवश्यकता है, ताकि हमारे देश के हर बच्चे को अच्छी शिक्षा और साक्षरता का मौका मिले।

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