मथुरा साइबर पुलिस ने एक बड़े ऑनलाइन ठगी गिरोह का पर्दाफाश किया है। पुलिस ने मामले में बरेली हाईवे कट से दो आरोपियों, गौतम उपाध्याय और बलदेव सिंह को गिरफ्तार किया है। बताया गया है की पिछले महीने ही ठगों ने करीब 21 करोड़ रुपये की ऑनलाइन ठगी को अंजाम दिया. जानकारी के मुताबिक, यह गिरोह “शिव गौरा गोसेवा ट्रस्ट” के नाम से स्टेट बैंक ऑफ इंडिया की कैंट शाखा में फर्जी खाता खुलवाकर, ठगी की रकम को कुछ ही घंटों में कई अलग-अलग खातों में ट्रांसफर करता था. जांच में पता चला कि खाते में आई कुल रकम में से लगभग 20.93 करोड़ रुपए अलग-अलग खातों में ट्रांसफर कर लिए गए थे, जबकि केवल सात लाख रुपए खाते में शेष थे, जिन्हें पुलिस ने फ्रीज कर दिया है।
यह भी पढ़ें: एयरपोर्ट रोड पर भीषण सड़क हादसा, तेज़ रफ्तार ट्रक ने रौंदे राहगीर, दो की मौत, कई घायल
पूछताछ में आरोपियों ने मास्टरमाइंड अभिषेक उर्फ पीके का नाम लिया है, जो ट्रांजैक्शन खुद मैनेज करता था और गैंग के बाकी सदस्यों को ठगी की रकम का मात्र 30 प्रतिशत हिस्सा देता था।पुलिस ने आरोपियों के कब्जे से फर्जी आधार कार्ड और मोबाइल फोन भी बरामद किए हैं।अब तक इस मामले में 141 शिकायतें देश के विभिन्न हिस्सों से दर्ज की जा चुकी हैं, जिनमें आगरा, अलीगढ़, राजस्थान, तमिलनाडु और पश्चिम बंगाल शामिल हैं।पुलिस मास्टरमाइंड और अन्य आरोपियों की तलाश में जुटी है। इस मामले में आगे की जांच जारी है।
मथुरा साइबर सेल ने करोड़ों रुपये की ऑनलाइन धोखाधड़ी करने वाले एक संगठित गिरोह का भंडाफोड़ किया है। यह गैंग ट्रस्ट के नाम पर बैंक खाते खोलकर, लोगों से ठगी गई रकम को तेजी से अलग-अलग खातों में ट्रांसफर कर देता था।
शिव गौरा गोसेवा ट्रस्ट के खाते से हुआ 21 करोड़ का लेन-देन
स्टेट बैंक ऑफ इंडिया की कैंट शाखा में “शिव गौरा गोसेवा ट्रस्ट” के नाम से खोले गए एक बैंक खाते में, पिछले एक महीने के भीतर 21 करोड़ रुपए से अधिक का संदिग्ध लेन-देन हुआ। बैंक की ओर से आई शिकायत के बाद साइबर सेल ने जांच शुरू की और शनिवार रात बरेली हाईवे पर घेराबंदी कर दो युवकों को गिरफ्तार कर लिया।
महज 7 लाख रुपये ही फ्रीज हो पाए
साइबर सेल की प्राथमिक जांच में सामने आया कि खाते में आई कुल राशि में से 20.93 करोड़ रुपये पहले ही विभिन्न खातों में ट्रांसफर किए जा चुके थे, जबकि केवल 7 लाख रुपये को फ्रीज किया जा सका। गिरफ्तार आरोपियों की पहचान गौतम उपाध्याय और बलदेव सिंह के रूप में हुई है।
गिरफ्तार आरोपियों ने खोला राज, मास्टरमाइंड फरार
पूछताछ में आरोपियों ने खुलासा किया कि यह खाता अभिषेक उर्फ पीके के कहने पर खुलवाया गया था, जो इस पूरे नेटवर्क का मास्टरमाइंड है। अभिषेक मथुरा के ओमकारेश्वर कॉलोनी में रहता है और बताया जा रहा है कि वह प्रदेश के एक मंत्री का रिश्तेदार भी है।
गिरफ्तार बलदेव सिंह ने बताया कि खाता खुलवाने के बाद अभिषेक ने सभी दस्तावेज अपने पास रख लिए और ट्रांजैक्शन खुद ही संभालता था। गैंग के अन्य सदस्यों को केवल 30 फीसदी कमीशन मिलता था, बाकी पैसा अभिषेक के पास जाता था।
सीओ साइबर सेल गुंजन सिंह के अनुसार, ट्रस्ट के नाम पर ठगी की सैकड़ों शिकायतें साइबर पोर्टल पर दर्ज हैं। जिन खातों में पैसे ट्रांसफर किए गए हैं, उनकी बारीकी से जांच की जा रही है। पुलिस को शक है कि इस गोरखधंधे में कई अन्य लोग भी शामिल हो सकते हैं।
फिलहाल गिरफ्तार दोनों आरोपियों को जेल भेज दिया गया है, जबकि पुलिस ने मास्टरमाइंड अभिषेक की तलाश तेज कर दी है। संभावना है कि जल्द ही और गिरफ्तारियां होंगी।