उत्तर प्रदेश के मथुरा जिले से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जहां एक शख्स को कागजों में मृत घोषित कर दिया गया, जबकि वह जिंदा था। यह घटना ग्राम फैंचरी के किसान सुखराम के साथ घटी, जिनकी कृषि भूमि पर सहखातेदार के नाम गलत तरीके से विरासत दर्ज कर दी गई थी, और उन्हें मृत भी दिखा दिया गया था।
मथुरा के ग्राम फैंचरी के सुखराम पुत्र छिद्दा ने एक गंभीर शिकायत दर्ज कराई है। सुखराम ने बताया कि उनकी कृषि भूमि, जो ग्राम स्थित मौजा सकना की गाटा संख्या 170 मि. रकवा 3.7840 हेक्टेअर में है, पर सहखातेदार के नाम गलत तरीके से विरासत दर्ज कर दी गई। सुखराम ने बताया कि लेखपाल ने बिना किसी सही जांच के, घर बैठे ही कथित मृत्यु प्रमाण-पत्र के आधार पर उनकी मृत्यु को दर्ज कर दिया।
सुखराम ने कई बार लेखपाल से अपनी जीवित होने का प्रमाण देने की कोशिश की, लेकिन लेखपाल ने उसकी कोई सुनवाई नहीं की। आखिरकार, सुखराम ने अपनी शिकायत जिलाधिकारी चंद्र प्रकाश सिंह तक पहुंचाई। डीएम ने मामले को गंभीरता से लिया और तहसीलदार को तुरंत जांच के आदेश दिए।
48 घंटे के भीतर तहसीलदार ने जांच की और पाया कि सुखराम जीवित हैं। उन्होंने गलत विरासत को निरस्त कर दिया और सुखराम का नाम खतौनी में पुनः दर्ज किया। इस मामले में दोषी लेखपाल रितेश के खिलाफ विभागीय कार्रवाई की संस्तुति की गई, साथ ही प्राथमिकी दर्ज करने का आदेश भी दिया गया।सुखराम को आखिरकार उनका अधिकार मिल गया है।