यूपी के मुख्य सचिव को नोटिस : NGT ने यमुना में गंदा पानी छोड़ने के मामले पर उनसे जवाब मांगा।

यमुना में गंदा पानी

यमुना में गंदा पानी : एनजीटी ने फिर से यूपी के मुख्य सचिव को नोटिस जारी किया है। उन्हें एक सप्ताह के भीतर कार्रवाई की रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए कहा गया है। साथ ही, एनजीटी ने मथुरा-वृंदावन के नगर आयुक्त को भी नोटिस जारी करने के लिए निर्देश दिए हैं।

नई दिल्ली/मथुरा: राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) ने उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव को हाल ही में नोटिस जारी करके उनसे मथुरा में यमुना नदी में सीवेज का अशोधित पानी छोड़ने के मामले में जवाब मांगा है। उन्हें एक सप्ताह के भीतर कार्रवाई की रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए कहा गया है। इस साल, पांच अक्टूबर को एनजीटी ने यह दावा किया था कि मुख्य सचिव ने न तो रिपोर्ट दाखिल की थी और न ही उसके अप्रैल के आदेश पर संबंधित अधिकारियों द्वारा कोई सुधारात्मक कार्रवाई की गई थी।

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वकील नहीं हुए हाजिर
एनजीटी अध्यक्ष न्यायमूर्ति प्रकाश श्रीवास्तव की पैनल ने यूपी प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (यूपीपीसीबी) के वकील की प्रस्तुत की दलीलों पर ध्यान दिया, जिसमें बोर्ड के सदस्य सचिव ने मुख्य सचिव को एनजीटी के आदेशों के बारे में सूचित किया था, लेकिन इसके बावजूद रिपोर्ट दाखिल नहीं की गई। पैनल में जस्टिस सुधीर अग्रवाल, अरुण कुमार त्यागी, और विशेषज्ञ सदस्य ए सेंथिल वेल भी शामिल थे। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार के वकील भी कार्रवाई में शामिल नहीं हुए।

मथुरा-वृंदावन नगर आयुक्त को भी नोटिस दिए जाने के निर्देश
पिछले सप्ताह, उन्होंने एक आदेश पारित किया जिसमें कहा गया कि हम मुख्य सचिव के खिलाफ एक नया नोटिस जारी करने का निर्देश दे रहे हैं। साथ ही, उसमें यह भी शामिल है कि इस मामले में पहले आदेश का एक सप्ताह के भीतर पालन किया जाए। पैनल ने कहा कि मथुरा-वृंदावन के नगर निगम आयुक्त को भी नोटिस दिया जाए। अधिकरण ने मामले की अगली सुनवाई को सात दिसंबर में तय किया है।

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