2 लोगों की जान लेने वाले पुणे पोर्श केस में किशोर के पिता को महाराष्ट्र के औरंगाबाद से गिरफ्तार कर लिया गया है, जिसकी पोर्शे ने बाइक सवार युवक-युवती को टक्कर मार दी थी और उनकी मौत हो गई थी। जानकारी के मुताबिक स्पोर्ट्स कार पिता के नाम पर रजिस्टर्ड थी, पुलिस द्वारा पिता के ख़िलाफ़ मामला दर्ज किया गया.
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पुणे पुलिस ने 17 वर्षीय लड़के के पिता को औरंगाबाद से हिरासत में ले लिया है, जिसने अपनी तेज रफ्तार पोर्शे कार से एक बाइक सवार युवक-युवती को रौंद दिया था और वहीं युवक-युवती ने मौके पर ही दम तोड़ दिया था। विशाल अग्रवाल को सोमवार (20 मई) को उनके खिलाफ मुक़दमा दर्ज किया गया था उसी के आधार पर महाराष्ट्र के औरंगाबाद से हिरासत में ले लिया है।
आरोपी के पिता विशाल अग्रवाल घटना के बाद फरार चल रहा था। पुणे पुलिस ने आगे की जांच के लिए कई टीमें बनाईं और मंगलवार सुबह उसे छत्रपति संभाजीनगर इलाके से हिरासत में ले लिया है।
रविवार की सुबह, पुणे के किशोर ने बाइक सवार युवक-युवती को अपनी स्पोर्ट्स कार से रौंद दिया था। जांच से पता चला है कि किशोर जो शराब के नशे में था – और दो अन्य को पुलिस हिरासत में ले लिया गया, लेकिन 17 वर्षीय किशोर को हिरासत के 14 घंटे के भीतर जमानत मिलने के बाद बड़े पैमाने पर आक्रोश फैल गया और बाद में पुणे के पुलिस आयुक्त अमितेश कुमार ने जानकारी देते हुए बताया कि उन्होंने किशोर पर वयस्क के रूप में हाईकोर्ट से मुकदमा चलाने की अनुमति मांगी है.
पुणे के किशोर को जिला अदालत ने यह कहकर जमानत दे दी की अपराध इतना “गंभीर” नहीं था कि उसे जमानत देने से इनकार किया जाए। हालाँकि, अदालत ने रिहाई पर कुछ शर्तें भी तय कीं जिसमें 15 दिनों के लिए ट्रैफिक पुलिस के साथ काम करना और “सड़क दुर्घटनाओं के प्रभाव और उनके समाधान” पर 300 शब्दों का निबंध लिखना शामिल था।
पुणे के शीर्ष पुलिस अधिकारी अमितेश कुमार ने बताया कि आरोपियों पर आईपीसी की धारा 304 मोटर वाहन अधिनियम की धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया था और उन्होंने कहा कि हमने आरोपी के साथ वयस्क की तरह व्यवहार किए जाने के लिए अदालत का रुख किया। हम यह साबित करने में कोई कसर नहीं छोड़ेंगे कि यह एक जघन्य अपराध है.
आरोपी के पिता और आरोपी को शराब परोसने वाले बार के खिलाफ किशोर न्याय अधिनियम की धारा 75 और 77 के तहत कार्रवाई की जा रही है।
यह घातक दुर्घटना रविवार (19 मई) की सुबह की है जब शराब के नशे में धुत्त किशोर अपने दोस्तों के साथ तेज गति से स्पोर्ट्स कार चला रहा था, तभी उसने अपने वाहन से बाइक सवार युवक-युवती को रौंद दिया था, जिससे दो लोगों की मौत हो गई। पुलिस ने कहा कि स्पोर्ट्स कार पिता के नाम पर रजिस्टर्ड थी और उस पर नंबर प्लेट भी नहीं लगी हुई थी।
मृतकों की पहचान अनीश अवधिया और उसकी साथी अश्विनी कोष्टा के रूप में हुई है । वे दोनों 24 साल के थे और आईटी सेक्टर में काम करते थे। कोष्टा ने मौके पर ही दम तोड़ दिया।, जबकि अवधिया की अस्पताल में मौत हो गई।
मौके पर मौजूद एक प्रत्यक्षदर्शी ने जानकारी देते हुए बताया कि पोर्शे में बैठे हुए तीन लोग नशे में थे। वहीं घटना के बाद उनमें से एक मौके से फरार हो गया।
आरोपी किशोर के वकील प्रशांत पाटिल ने कहा कि वे कानून की प्रक्रिया का पालन कर रहे हैं और जांच एजेंसियों ने “अपना काम किया है”। उन्होंने कहा, “आरोपी जमानत पाने का हकदार है। हर कोई कानून के अनुसार काम कर रहा है।
मृतक के चाचा ने महाराष्ट्र पुलिस की आलोचना की। मृतक के चाचा अखिलेश अवधिया ने कहा कि आरोपी किशोर पर लगाई गई जमानत की शर्तें हास्यास्पद थीं और उन्होंने नाबालिग को “मानव बम” कहा। और उन्होंने यह भी कहा कि “नए अधिनियम के अनुसार, सात साल की सजा मिलनी चाहिए। जमानत की शर्तें हास्यास्पद हैं। कक्षा 5 के छात्रों को भी पढ़ाया जाता है। वह 3 करोड़ रुपये की कार चला रहा था। सिर्फ इसलिए कि वह एक बिजनेस टाइकून का बेटा है।” उन्हें रिहा कर दिया गया।
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