मध्य प्रदेश के शिवपुरी जिले में गुरुवार को भारतीय वायुसेना का मिराज-2000 फाइटर प्लेन करैरा क्षेत्र के बहरेटा सानी गांव के पास क्रैश हो गया। यह विमान खेत में गिरने के बाद आग की लपटों में घिर गया। हादसा करीब दोपहर 2:40 बजे हुआ। विमान में दो पायलट सवार थे, जो हादसे से पहले सुरक्षित रूप से खुद को इजेक्ट कर चुके थे।घटना की जानकारी मिलते ही स्थानीय प्रशासन ने मौके पर त्वरित कार्रवाई करते हुए राहत और बचाव कार्य शुरू कर दिया।
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मध्य प्रदेश के शिवपुरी जिले में गुरुवार को एक बड़ा हादसा हुआ, जब भारतीय वायुसेना का मिराज-2000 फाइटर प्लेन करैरा क्षेत्र के बहरेटा सानी गांव के पास क्रैश हो गया। यह विमान खेत में गिरकर आग की लपटों में घिर गया। हादसे से पहले विमान में सवार दोनों पायलट खुद को सुरक्षित बाहर निकालने में सफल रहे, और इस दुर्घटना में किसी के हताहत होने की सूचना नहीं है।
घटना की जानकारी मिलते ही स्थानीय प्रशासन ने तुरंत घटनास्थल के लिए एक टीम भेजी। हालांकि, प्लेन क्रैश होने के कारण का अब तक पता नहीं चल सका है। रक्षा अधिकारियों के मुताबिक, यह ट्विन-सीटर मिराज 2000 विमान नियमित प्रशिक्षण उड़ान के दौरान दुर्घटनाग्रस्त हुआ था। दुर्घटना के कारणों की जांच के लिए कोर्ट ऑफ इंक्वायरी का आदेश दे दिया गया है।
मिराज-2000 फाइटर प्लेन, जो भारतीय वायुसेना के प्रमुख बेड़े का हिस्सा है, ने 2019 में बालाकोट हवाई हमलों समेत कई महत्वपूर्ण ऑपरेशनों में अहम भूमिका निभाई थी। इस विमान ने अपनी शान और ताकत को साबित किया है, लेकिन इसके बावजूद वायुसेना के पुराने लड़ाकू जेट और ट्रेनर विमानों की सुरक्षा को लेकर चिंता बनी हुई है।
कहां से बनकर आया है मिराज
मिराज-2000, जो शिवपुरी में दुर्घटनाग्रस्त हुआ, फ्रांस की प्रसिद्ध एयरोस्पेस कंपनी “डसॉल्ट एविएशन” द्वारा निर्मित है, जो राफेल फाइटर जेट बनाने के लिए भी जानी जाती है। मिराज-2000 का आकार 47 फीट लंबा है और इसका वजन 17,500 किलोग्राम है। यह जेट 2,500 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से उड़ान भर सकता है और 13,800 किलोग्राम तक गोला-बारूद लेकर उड़ान भरने की क्षमता रखता है। यह विमान भारतीय वायुसेना के प्रमुख फाइटर जेट्स में से एक है और कई महत्वपूर्ण ऑपरेशनों में इसका योगदान रहा है।