शनिवार शाम 5 से 9 बजे तक ऑपरेशन शील्ड के तहत जम्मू-कश्मीर, गुजरात, राजस्थान, पंजाब, हरियाणा और चंडीगढ़ में मॉक ड्रिल की गई। ड्रिल में एयर स्ट्राइक, फायरिंग, बॉम्ब ब्लास्ट और इमारतों में आग जैसी स्थितियों से निपटने का अभ्यास किया गया।पुलिस, SDRF, फायर ब्रिगेड और प्रशासनिक टीमों ने रेस्क्यू, मेडिकल हेल्प और फायर कंट्रोल जैसे सिचुएशन में क्विक रिस्पॉन्स का प्रदर्शन किया।रात 8 से 9 बजे तक ब्लैकआउट रखा गया। कई जिलों में 15 से 30 मिनट तक अंधेरा किया गया और सायरन बजाए गए। पुलिस की टीमें गश्त पर रहीं और नागरिकों को सतर्क किया गया।यह मॉक ड्रिल 7 मई के बाद दूसरी बार की गई है। इसका मकसद था. युद्ध जैसी आपात स्थिति में नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करना।
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भारत ने आतंकी हमलों और आपात स्थितियों से निपटने की तैयारी के तहत ‘ऑपरेशन शील्ड’ शुरू किया है। इस अभियान के तहत गुजरात, राजस्थान, पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़ और जम्मू-कश्मीर जैसे सीमावर्ती राज्यों में मॉक ड्रिल हो रही है. मॉक ड्रिल के लिए शाम 5 बजे से रात 9 बजे का समय चुना गया है. मॉक ड्रिल में हवाई हमला, ड्रोन अटैक, मिसाइल हमले और भगदड़ जैसे हालात तैयार कर रेस्क्यू, प्राथमिक इलाज और सुरक्षा इंतजामों की जांच की गई।जयपुर, श्रीनगर, सीकर, करौली, बाड़मेर और नीमराना में एयर स्ट्राइक जैसे हालातों का अभ्यास किया गया। झालावाड़ में ड्रोन हमले की ड्रिल के दौरान मधुमक्खियों के हमले से हड़कंप मच गया, जिससे अधिकारियों को भागकर जान बचानी पड़ी।
गुजरात के पाटण और वलसाड में सायरन बजाए गए और फायर रेस्क्यू का अभ्यास हुआ।हरियाणा, पंजाब और चंडीगढ़ में भी सुरक्षा बलों और मेडिकल टीमों ने आपसी समन्वय के साथ मॉक ड्रिल की।भारत ने एक बार फिर दुनिया को दिखा दिया है कि वह सिर्फ आतंकवाद को जवाब नहीं देता, बल्कि हर आपात स्थिति से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार भी है। ऑपरेशन शील्ड के तहत शनिवार को जम्मू-कश्मीर, गुजरात, राजस्थान, पंजाब, हरियाणा और चंडीगढ़ में बड़े स्तर पर मॉक ड्रिल की गई।
शाम 5 बजे से रात 9 बजे तक चली इस ड्रिल में एयर स्ट्राइक, ड्रोन अटैक, बम धमाके और फायरिंग जैसी आपात परिस्थितियों का अभ्यास किया गया। सुरक्षा एजेंसियों, पुलिस, SDRF, फायर ब्रिगेड और मेडिकल टीमें इस पूर्वाभ्यास में शामिल रहीं।
रात 8 से 9 बजे तक ब्लैकआउट रखा गया, जिसमें बिजली और रोशनी बंद कर दी गई ताकि हवाई हमले जैसे हालात में इलाके को दुश्मनों की नजरों से बचाया जा सके। सायरन बजाए गए और पुलिस ने गश्त तेज की।
राज्यों में क्या-क्या हुआ?
- जम्मू और अखनूर में एयर स्ट्राइक की ड्रिल, लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया।
- गुजरात के पाटण और वलसाड में हवाई हमले के सायरन बजे, इमारत में आग लगने पर रेस्क्यू ऑपरेशन किया गया।
- जयपुर, सीकर, नीमराना और बाड़मेर में धमाकों, ड्रोन हमले और फायरिंग की मॉक ड्रिल, फायर ब्रिगेड और मेडिकल यूनिट्स ने रेस्पॉन्ड किया।
- चंडीगढ़ में 20 लोगों को रेस्क्यू कर अस्पताल पहुंचाया गया, 30 यूनिट रक्त और मेडिकल सपोर्ट तैयार रखा गया।
- झालावाड़ में मधुमक्खियों के हमले से रियल इमरजेंसी बन गई, लेकिन कोई बड़ी दुर्घटना नहीं हुई।
इस अभ्यास का उद्देश्य सिर्फ एजेंसियों की प्रतिक्रिया क्षमता की जांच करना ही नहीं, बल्कि आम जनता को भी युद्ध जैसी आपात स्थिति के प्रति जागरूक बनाना है।
7 मई के बाद यह दूसरी बार है जब पाकिस्तान से सटे राज्यों में इतनी बड़ी मॉक ड्रिल की गई है। इससे पड़ोसी देश पाकिस्तान में चिंता की लहर है.आखिर भारत इतने बड़े स्तर पर तैयारी क्यों कर रहा है?