कासगंज जिले में बुधवार देर रात आई भीषण आंधी और बारिश ने भारी भारी कहर बरपाया। इस प्राकृतिक आपदा में चार महिलाओं सहित कुल छह लोगों की मौत की खबर है. बताया जा रहा है हादसे में 10 पशु भी मारे गए और 20 से अधिक लोग घायल हैं, जिनमें से छह की गंभीर हालत को देखते हुए अलीगढ़ रेफर किया गया है। सैंकड़ों पेड़ गिरने से रास्ते अवरुद्ध हो गए और विद्युत खंभे टूटने से बिजली आपूर्ति भी बाधित हो गई।
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प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार रात करीब 9:30 बजे आंधी का प्रकोप शुरू हुआ, जिसके कारण लहरा गांव में झोपड़ियों में आग लग गई। इस भीषण अग्निकांड में सात झोपड़ियों में रखी लाखों की संपत्ति जलकर राख हो गई और सात पशुओं की मौत की सूचना सामने आई है। इसके अतिरिक्त, जिले के अन्य हिस्सों में दीवार गिरने से तीन अन्य पशुओं की जान चली गई। आंधी के कारण सैकड़ों पेड़ और विद्युत खंभे टूट गए, जिससे कई इलाकों में बिजली आपूर्ति अभी भी ठप है। विद्युत निगम की टीमें लाइनों और खंभों को ठीक करने में जुटी हैं। सड़कों पर पेड़ गिरने से यातायात भी प्रभावित रहा।
जिलाधिकारी मेधा रूपम ने सभी तहसील के एसडीएम को मौके पर पहुंचकर क्षति का आकलन करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने बताया कि दैवीय आपदा निधि से सभी मृतकों के आश्रितों को सहायता प्रदान की जाएगी।
किलोनी रफातपुर में तेज आंधी और वर्षा के बीच दीवार गिरने से भाजपा जिलाध्यक्ष नीरज शर्मा के मेडिकल स्टोर पर कार्यरत अशोक कुमार की मलबे में दबकर मौत हो गई। इसी दौरान सहावर के नगला धोकल गांव में भी अवधेश की झोपड़ी में चिंगारी से आग लग गई। तूफानी हवाओं के बीच आग ने विकराल रूप ले लिया, जिससे गांव में अफरा-तफरी मच गई। अवधेश और उनके परिवार ने किसी तरह अपनी जान बचाई। दमकलकर्मियों के मौके पर पहुँचने और बारिश शुरू होने के बाद ही आग पर काबू पाया जा सका। इस आग में अवधेश की झोपड़ी में रखा घरेलू सामान, बिस्तर, चारपाई, अनाज, लहसुन और नकदी जलकर राख हो गए। राजस्व टीम ने मौके पर पहुंचकर नुकसान का आकलन किया।
सहावर के जमालपुर में रोजगार सेवक दिव्या देवी की छत पर सोते समय तेज हवा में उड़ते सोलर पैनल से सिर टकराने से मौत हो गई। उन्होंने पहले अपने बच्चों को सुरक्षित नीचे उतारा था।सेवका बाछमई में सुशीला आंधी के दौरान छत से उतरते समय गिर गईं और मौके पर ही उनकी मौत हो गई।दीवार गिरने से मलबे में दबकर श्यामा देवी की मौत हो गई। मनव्वरी की भी गिरने से मौत हो गई।
पटियाली तहसील क्षेत्र के गांव मंडनपुर में सुरेश चंद्र छत पर सो रहे थे। आंधी के झोंके में छत से उतरते समय गिरने से उनकी मौत हो गई।घायलों में सुरेंद्र सिंह (निवासी करुवारा सोरोंजी), नीरज व उसका बेटा (निवासी रोहनसिंहपुर, अलीगढ़), माधुरी (निवासी नगला गंगा जसराना, फिरोजाबाद), रामदास (निवासी भिटौना), चंद्रपाल (निवासी नगला चौबारा अमांपुर) शामिल हैं, जिन्हें इलाज के लिए रेफर किया गया है।
बुधवार रात आई तेज़ आंधी और बारिश ने लहरा गांव में भयंकर तबाही मचाई। आंधी के साथ लगी आग ने कई घरों को अपनी चपेट में ले लिया, जिससे ग्रामीणों की लाखों रुपये की संपत्ति जल गई। कई घंटों की मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया जा सका, लेकिन तब तक पूरा गांव अफरा-तफरी के माहौल में डूबा रहा। सूचना मिलते ही प्रशासनिक अधिकारी, पुलिस और दमकल की गाड़ियां मौके पर पहुंच गईं।
खुशीराम के घर में आग लगी, जिसने कच्चे घरों के छप्परों को तेज़ी से अपनी चपेट में ले लिया। तेज़ हवा के कारण आग पास की झोपड़ियों में फैल गई। ग्रामीण चीख-पुकार करते हुए सुरक्षित स्थानों की ओर भागे और मवेशियों को खूंटों से खोला, फिर भी कई मवेशी आग में झुलसकर मर गए।
बताया गया है की खुशीराम का गृहस्थी का सामान, 20 क्विंटल गेहूं, 10 क्विंटल लहसुन, कपड़े और 50 हज़ार रुपये नकद जल गए। उनकी तीन बकरियां भी आग की चपेट में आ गईं। कालीचरन की झोपड़ी में भी 10 क्विंटल लहसुन, 10 क्विंटल गेहूं, 50 क्विंटल भूसा, गृहस्थी का सामान और कपड़े जल गए, साथ ही उनकी गाय का बछड़ा भी मर गया।