कश्मीर के पहलगाम के आतंकी हमले में गोली लगने से करनाल के नौसेना के लेफ्टिनेंट विनय नरवाल की मौत हो गई है। बुधवार को करनाल में सैन्य सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया गया। इस दौरान शहीद की पत्नी हिमांशी ने अपने पति को नम आंखों से अंतिम विदाई दी। तिरंगे में लिपटे ताबूत के सामने पहुंचकर हिमांशी ने भर्राए स्वर में कहा, “हमें आप पर हमेशा गर्व रहेगा… जय हिंद! उनका यह जज्बा और दर्द देखकर वहां मौजूद हर व्यक्ति की आंखें नम हो गईं।परिजनों, ग्रामीणों और प्रशासनिक अधिकारियों की मौजूदगी में पूरा क्षेत्र ‘भारत माता की जय’ और ‘विनय नरवाल अमर रहें’ के नारों से गूंज उठा।
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में मंगलवार को हुए आतंकी हमले में भारतीय नौसेना के लेफ्टिनेंट विनय नरवाल शहीद हो गए। हरियाणा के करनाल निवासी 26 वर्षीय विनय अपने हनीमून पर पत्नी हिमांशी के साथ कश्मीर गए थे। शादी को अभी केवल छह दिन ही हुए थे। लेकिन किसे पता था कि यह हनीमून, अंतिम सफर में बदल जाएगा।
हमले के दौरान विनय को गोली लगी, जिसके बाद उन्हें अस्पताल ले जाया गया, जहां उपचार के दौरान उन्होंने दम तोड़ दिया। हिमांशी भी इस हमले में घायल हुईं, लेकिन उनका जीवन किसी तरह बच गया।
शहीद विनय की पत्नी हिमांशी ने बुधवार को पति को नम आंखों से अंतिम विदाई दी। पार्थिव शरीर से लिपटी हुईं हिमांशी की करूण पुकार ने वहां मौजूद हर शख्स को भावुक कर दिया। उन्होंने कहा, “हमें आप पर हमेशा गर्व रहेगा… जय हिंद।
हनीमून की जगह मौत मिली
परिवार के अनुसार, विनय और हिमांशी ने यूरोप में हनीमून मनाने की योजना बनाई थी, लेकिन वीजा न मिलने के कारण यह योजना रद्द हो गई। इसके बाद उन्होंने कश्मीर जाने का फैसला किया। लेकिन नियति को कुछ और ही मंजूर था।
परिवार में मातम, बुजुर्ग दादा-दादी को रात भर नहीं बताया गया सच
विनय के दादा हवा सिंह, जो पुलिस विभाग से सेवानिवृत्त हैं, को यह दुखद खबर सुबह दी गई। उन्होंने कहा, काश वीजा मिल गया होता, तो आज हमारा विनय हमारे साथ होता।
तीन साल पहले नौसेना में भर्ती हुए थे विनय
भूसली गांव के मूल निवासी विनय तीन वर्ष पूर्व भारतीय नौसेना में शामिल हुए थे। 16 अप्रैल को मसूरी में उनकी डेस्टिनेशन वेडिंग हुई थी, और 19 अप्रैल को करनाल में रिसेप्शन का आयोजन किया गया था। शादी के बाद 3 मई को उन्हें पत्नी के साथ कोच्चि ड्यूटी पर लौटना था।
हमले में 26 लोगों की नृशंस हत्या
पहलगाम की बायसरन घाटी में सेना की वर्दी में आए आतंकियों ने पहचान पत्र देखकर हिंदू पर्यटकों को निशाना बनाया। 26 लोगों की मौके पर ही नृशंस हत्या कर दी गई, जिनमें दो विदेशी और दो स्थानीय नागरिक भी शामिल हैं। इस हमले की जिम्मेदारी लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े आतंकी संगठन द रेजिस्टेंस फ्रंट (TRF) ने ली है।
एनआईए करेगी जांच
हमले की गंभीरता को देखते हुए जांच का जिम्मा राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) को सौंपा गया है। सूत्रों के अनुसार हमले में स्थानीय मददगारों की भूमिका की भी जांच की जा रही है।