नीट यूजी पेपर लीक मामले पर सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए कहा कि NEET-UG 2024 पेपर लीक कोई सिस्टमैटिक नाकामी नहीं है। भारत के मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि नीट पेपर लीक केवल हजारीबाग और पटना तक सीमित था। वहीं कोर्ट ने कहा कि परीक्षा में गड़बड़ी बड़े पैमाने पर नहीं हुई है। इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया था कि परीक्षा का आयोजन दोबारा से नहीं कराया जाएगा।
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नीट यूजी मामले पर सुप्रीम कोर्ट ने आज फैसला सुनाया। कोर्ट ने कहा कि सभी दलीलों को सुनने के बाद इस नतीजे पर पहुंचे हैं कि पेपर लीक का मामला सिस्टमैटिक फेलयर नहीं है। कोर्ट ने कहा कि परीक्षा में गड़बड़ी बड़े पैमाने पर नहीं हुई है। नीट पेपर लीक केवल हजारीबाग और पटना तक सीमित था. कोर्ट ने कहा कि एग्जाम देने वाले कैंडिडेट की पहचान सुनिश्चित करना, पेपर लीक को रोकने के लिए स्टोरेज के लिए SOP तैयार करना सरकार और एनटीए की जिम्मेदारी है.
कोर्ट ने कहा कि पेपर लीक बड़े पैमाने पर नहीं हुआ है।और कहा की NEET की दोबारा परीक्षा की की मांग को खारिज किया जाता है
सुप्रीम कोर्ट ने कहा- पेपर लीक के पर्याप्त सबूत नहीं
भारत के मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि नीट पेपर लीक केवल हजारीबाग और पटना तक सीमित था। इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया था कि नीट यूजी की परीक्षा दुबारा आयोजित नहीं की जाएगी। कोर्ट ने कहा था कि इस बात का पर्याप्त सबूत नहीं है कि परीक्षा में गड़बड़ी बड़े पैमाने पर नहीं हुई है।
नीट यूजी परीक्षा 5 मई को आयोजित की गयी थी । इसके बाद 4 जून को इसका परिणाम घोषित किया गया था। नतीजे जारी होने के बाद कई छात्रों ने सुप्रीम कोर्ट में परीक्षा में हुई गड़बड़ी और अनियमिताओं के खिलाफ याचिका दायर की थी।
‘दोबारा ऐसी गड़बड़ी न हो’
अदालत ने राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी (एनटीए) द्वारा की गई खामियों पर प्रकाश डाला। मौखिक फैसले के बाद, मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा, “हमने कहा है कि एनटीए को अब इस मामले में किए गए फ्लिप फ्लॉप से बचना चाहिए।” सीजेआई ने कहा, “एनटीए में ये उलटफेर छात्रों के हित में नहीं हैं।” कोर्ट ने केंद्र सरकार को कहा कि नीट परीक्षा की सभी खामियां इसी साल दूर कर लेनी चाहिए ताकि दोबारा कभी ऐसी गड़बड़ी न हो।
पहला आरोपपत्र
1 अगस्त को केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने कथित एनईईटी परीक्षा पेपर लीक मामले में अपना पहला आरोप पत्र दायर किया, जिसमें 13 लोगों को आरोपी बनाया गया।अधिकारियों ने समाचार एजेंसी पीटीआई को बताया कि आरोपपत्र में बताया गया है कि आरोपी कथित तौर पर पेपर लीक और अन्य अनियमितताओं में शामिल थे। मेडिकल प्रवेश परीक्षा में कथित अनियमितताओं की जांच कर रही केंद्रीय जांच एजेंसी ने छह एफआईआर दर्ज की हैं।