नीट पेपर लीक मामले पर सुप्रीम कोर्ट आज सुनवाई करने वाला था , लेकिन हियरिंग स्थगित हो गई है। वहीं, पहले केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट दाखिल किये हलफनामे में कहा है कि आईआईटी मद्रास रिपोर्ट के मुताबिक़ नीट-यूजी परीक्षा में बड़े पैमाने पर धांधली नहीं हुई। केंद्र सरकार की ओर से कहा गया है कि वह नीट एग्जाम फिर से कराने के पक्ष में नहीं है। वहीं, NTA ने भी नीट पेपर लीक मामले पर कथित टेलीग्राम वीडियो को फर्जी करार देते हुए कहा कि वह वीडियो 4 मई का दिखाने के लिए एडिट किया गया था।
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आज, गुरुवार 11 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट ने नीट हियरिंग टाल दी है। लेकिन इससे पहले ही नीट यूजी 2024 पर दो बड़े अपडेट आ चुके हैं। केंद्र सरकार और एनटीए दोनों ने अपने जवाब के साथ सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दायर किया है। हालांकि दोनों पक्षों ने कहा है कि नीट-यूजी परीक्षा में किसी भी तरह की धांधली नहीं हुई है। आज CJI डीवाई चंद्रचूड़ की बेंच नीट पर सुनवाई करने वाली थी। जोकि टल गयी है। NEET विवाद पर सुप्रीम कोर्ट द्वारा अगली सुनवाई 18 जुलाई को की जाएगी. अब 18 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट इसपर बड़ा फैसला सुना सकता है.
अब 18 जुलाई को होगी सुनवाई
NEET-UG पेपर लीक मामले में अब अगली सुनवाई 18 जुलाई को की जाएगी. कोर्ट ने आज इस मामले पर अपना आर्डर रिजर्व रख लिया है. पहले खबर आ रही थी कि सुप्रीम कोर्ट आज ही कोई बड़ा फैसला सुना सकता है.
सुप्रीम कोर्ट में अपने हलफनामे में, सरकार ने आईआईटी मद्रास की एक रिपोर्ट संलग्न की, जिसमें NEET-UG 2024 परीक्षा में “कोई असामान्यता या कोई सामूहिक कदाचार नहीं” दिखाया गया है।
केंद्र ने बुधवार को NEET-UG मामले में सुप्रीम कोर्ट में अपना हलफनामा दायर किया और कहा की 5 मई को आयोजित की गयी मेडिकल प्रवेश परीक्षा में किसी भी तरह की कोई गड़बड़ी नहीं हुई है।
सुप्रीम कोर्ट द्वारा सोमवार 8 जुलाई को सुनवाई के दौरान केंद्र और राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी (एनटीए) से पेपर लीक की सीमा और गलत काम करने वालों को दूसरों से अलग करने की संभावना पर अपनी प्रतिक्रिया दाखिल करने को कहा गया था। नीट यूजी 2024 परीक्षा पद केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट दाखिल किये हलफनामे में कहा है कि आईआईटी मद्रास रिपोर्ट के मुताबिक़ नीट-यूजी परीक्षा में बड़े पैमाने पर धांधली नहीं हुई।
और न ही उम्मीदवारों के एक स्थानीय समूह को लाभान्वित किया जा रहा है, जिससे असामान्य स्कोर प्राप्त हुआ है”। हलफनामे में लिखा है, “नीट में स्टूडेंट्स को मिले मार्क्स में इस साल ओवरऑल बढ़ोतरी देखी गई है। खास करके 550 से 720 के रेंज में स्कोर करने वालों की संख्या विभिन्न शहरों और परीक्षा केंद्रों, हर जगह से बढ़ी है। इसका एक कारण सिलेबस का 25% कम होना भी है। इसलिए किसी तरह के घोटाले की संभावना बेहद कम है।’
सुप्रीम कोर्ट द्वारा मेडिकल प्रवेश परीक्षा में कथित अनियमितताओं को लेकर कई याचिकाओं पर सुनवाई की जा रही है। इन याचिकाओं में 5 मई की परीक्षा में अनियमितताओं और कदाचार का आरोप लगाते हुए परीक्षा रद्द करने और इसे नए सिरे से आयोजित करने की मांग की गयी है।
“भारत संघ समाधान-उन्मुख तंत्र स्थापित करने के लिए चौतरफा प्रयास कर रहा है और एक तरफ यह सुनिश्चित कर रहा है कि कदाचार के दोषी किसी भी उम्मीदवार को कोई लाभ न मिले और दूसरी तरफ, यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि 23 लाख छात्रों पर केवल आशंकाओं के आधार पर एक नई परीक्षा का बोझ न डाला जाए। हलफनामे में लिखा है।
केंद्र ने अपने हलफनामे में यह भी कहा कि जुलाई के तीसरे सप्ताह से चार राउंड में काउंसलिंग कराने का निर्णय लिया गया है. हलफनामे में लिखा है, “यदि कोई उम्मीदवार किसी कदाचार का लाभार्थी पाया जाता है, तो उसकी उम्मीदवारी काउंसलिंग प्रक्रिया के दौरान या उसके बाद भी किसी भी स्तर पर रद्द कर दी जाएगी।”
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