सड़कों पर आकर विरोध करो, नहीं तो मंदिर मस्जिद बन जाएंगे, धीरेंद्र शास्त्री का बांग्लादेश के हिंदुओं को संदेश

सड़कों पर आकर विरोध करो, नहीं तो मंदिर मस्जिद बन जाएंगे, धीरेंद्र शास्त्री का बांग्लादेश के हिंदुओं को संदेश

बागेश्वर धाम के धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने कहा कि वे दिन-रात कठोर परिश्रम के साथ जीवन जी रहे हैं और जोखिम उठाते हुए काम कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि 100 करोड़ हिंदुओं की चिंता को लेकर वे सड़कों पर, गांव-गांव, गली-गली में बैठकर पिछड़ों और बिछड़ों से संवाद कर रहे हैं। साथ ही, उन्होंने बांग्लादेश के हिंदुओं के प्रति अपनी एकजुटता जताते हुए कहा कि वे उनके साथ हैं और बांग्लादेश के हिंदुओं से अपील की कि वे सड़कों पर आकर इस आंदोलन का हिस्सा बनें।

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बागेश्वर धाम के धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री की हिंदू एकता यात्रा मंगलवार को अपने छठे दिन में प्रवेश कर गई। आज यह यात्रा झांसी के मऊरानीपुर से घुघसी गांव तक जाएगी। पदयात्रियों में भारी उत्साह देखने को मिल रहा है। इस दौरान, शास्त्री ने संभल हिंसा, चिन्मय दास मामले और मुस्लिम आबादी के मुद्दे पर खुलकर अपने विचार व्यक्त किए। उन्होंने बांग्लादेश का जिक्र करते हुए कहा, “भारत के हिंदुओं, अब समझो! हम अपने लिए नहीं मर रहे हैं, बल्कि अगर तुम जागे नहीं तो एक-एक कर तुम्हारे मंदिर मस्जिद में तब्दील हो जाएंगे।

बांग्लादेश में हिंदुओं पर बढ़ते अत्याचारों को लेकर चिंता जताई जा रही है। इसी बीच, चटगांव इस्कॉन पुंडरीक धाम के अध्यक्ष चिन्मय कृष्णन दास (चिन्मय प्रभु) को ढाका पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। चिन्मय प्रभु, जो शेख हसीना सरकार के बाद हिंदुओं के खिलाफ हो रहे अत्याचारों के मुद्दे पर लगातार आवाज उठा रहे थे, ने शुक्रवार को रंगपुर में एक विरोध रैली को संबोधित किया था। बांग्लादेश पुलिस के अनुसार, चिन्मय प्रभु की रैली में राष्ट्रीय ध्वज का अपमान किया गया है, जिसके कारण उनकी गिरफ्तारी की गई है।

चिन्मय दास मामले पर अब प्रसिद्ध संत धीरेंद्र शास्त्री का बयान सामने आया है। उन्होंने कहा, “बांग्लादेश के हिंदू यदि कायर बने रहे तो उन्हें नहीं बचाया जा सकेगा। अगर हमारी बात बांग्लादेश के हिंदुओं तक पहुंच सके, तो जैसे यहां पदयात्रा हो रही है, वैसे ही वहां भी सड़कों पर उतर आओ। एकजुट होकर अपनी संस्कृति के रक्षकों को बचाओ और उन्हें बाहर निकालो। अगर ऐसा नहीं हुआ, तो तुम्हारे मंदिर एक-एक करके मस्जिदों में तब्दील हो जाएंगे। तुम्हारी बहन-बेटियां या तो धर्म बदल लेंगी या फिर उनका नुकसान होगा।” शास्त्री ने भारत के हिंदुओं से भी अपील करते हुए कहा, “हम अपने लिए नहीं, बल्कि उनके लिए लड़ रहे हैं।

धीरेंद्र शास्त्री ने आगे कहा, “हम दिन-रात कठोरता और रिस्क के साथ जी रहे हैं। हम 100 करोड़ हिंदुओं की चिंता के कारण सड़कों पर, गांव-गांव और गली-गली में बैठकर पिछड़ों और बिछड़ों से चर्चा कर रहे हैं। हम बांग्लादेश के हिंदुओं के साथ खड़े हैं। अब समय आ गया है कि तुम भी सड़कों पर उतर आओ। हमारी तुमसे अपील है, वरना भविष्य में कोई भी हिंदुओं के लिए आवाज नहीं उठाएगा।

फिर कौन बचाएगा?

केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह के बयान पर धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा, “इसी कारण हम चिंतित हैं, इसी कारण हम पैदल यात्रा कर रहे हैं। हमारा मन बहुत भयभीत है क्योंकि भारत बांग्लादेश बनने की कगार पर है। जगह-जगह जो हिंसा और हमले हो रहे हैं, वे पूरी तरह से अवैध हैं। कानून को हाथ में लेकर संविधान का मजाक उड़ाया जा रहा है। अगर ऐसा चलता रहा, तो कल को कोई भी हमारी बात नहीं सुनेगा। देश की स्थिति कानून से बाहर हो जाएगी, और फिर कौन हमें बचाएगा? इसलिए हमें अपनी ताकत को बनाए रखना होगा, अपनी संस्कृति को बचाने के लिए एकजुट होकर पुरजोर आवाज उठानी होगी। यही वजह है कि पदयात्रा की जरूरत है।

धीरेंद्र शास्त्री ने मुस्लिम जनसंख्या पर टिप्पणी करते हुए कहा, “यह एक तय बात है कि कई राज्यों में हिंदू अब अल्पसंख्यक हो गए हैं। जहां भी घटनाएं होती हैं, वहां मुस्लिमों की संख्या अधिक होती है। सवाल यह है कि ऐसी घटनाएं क्यों होती हैं? हमारे आसपास भी लोग रहते हैं, लेकिन वहां ऐसी घटनाएं नहीं होतीं। जहां उनकी संख्या ज्यादा होती है, वहीं हिंसा और अपराध होते हैं। इससे यह साबित होता है कि वे अपनी जनसंख्या के हिसाब से योजनाएं बनाते हैं और पहले से तैयारी करके रखते हैं। पथराव, आगजनी और पेट्रोल बम फोड़ने वाले अक्सर बाहर से बुलाए जाते हैं।

संभल हिंसा में नुकसान की वसूली पर धीरेंद्र शास्त्री ने कहा, नुकसान की भरपाई बिल्कुल होनी चाहिए. जो करेगा वही भरेगा. मंगलवार को यात्रा के छठे दिन धीरेंद्र शास्त्री ने कहा, “यह बालाजी की दया से संभव हो रहा है। यह एक आध्यात्मिक यात्रा है, बजरंगबली की यात्रा है, और बागेश्वर बाबा की रामराजा सरकार से मिलन की यात्रा है। यह यात्रा बजरंग बली के प्रति उत्साह का प्रतीक है। देश का हिंदू जागेगा। आज संविधान दिवस भी है, और आज के ही दिन मुंबई हमला हुआ था। अगर 100 करोड़ हिंदुओं में से 1 करोड़ कट्टर हिंदू हमारे साथ हो जाएं, तो अगले हजार सालों तक कोई भी सनातन धर्म पर उंगली नहीं उठा पाएगा। हमारे पास ऐसा ही एक मजबूत योजना है।

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