मथुरा के गोवर्धन में मंगलवार को संत प्रेमानंद महाराज ने सत्यनारायण की बगीची में पहुंचकर गिरिराज प्रभु की परिक्रमा की शुरुआत की। यह परिक्रमा जतीपुरा-गोवर्धन मार्ग स्थित सत्यनारायण की बगीची से शुरू होकर राधाकुंड मार्ग स्थित लुटेरिया हनुमान मंदिर तक पहुंची। परिक्रमा के समापन के बाद, संत प्रेमानंद महाराज वृंदावन के लिए प्रस्थान कर गए।
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मथुरा के गोवर्धन में मंगलवार को संत प्रेमानंद महाराज ने सत्यनारायण की बगीची पहुंचकर गिरिराज प्रभु की परिक्रमा की शुरुआत की। यह परिक्रमा जतीपुरा-गोवर्धन मार्ग स्थित सत्यनारायण की बगीची से शुरू होकर राधाकुंड मार्ग स्थित लुटेरिया हनुमान मंदिर तक पहुंची, और इसके बाद महाराज जी ने वृंदावन के लिए प्रस्थान किया।
परिक्रमा मार्ग पर ‘राधे-राधे’ और ‘संत प्रेमानंद बाबा की जय’ के उद्घोष से माहौल गूंज उठा। संत प्रेमानंद महाराज के पीछे-पीछे सैकड़ों भक्त भी परिक्रमा करते हुए चल रहे थे। गिरिराज प्रभु की परिक्रमा करने आए भक्तों ने जब संत प्रेमानंद महाराज को परिक्रमा करते देखा, तो वे हैरान रह गए और उनके समक्ष दंडवत प्रणाम करने लगे। इस दृश्य को देखकर श्रद्धालु भावुक हो गए।
इस दौरान कई परिक्रमार्थी भक्तों की आँखें सजल हो गईं, जो लगभग पांच किलोमीटर की दूरी पैदल चलकर परिक्रमा में शामिल हुए थे। परिक्रमा के समापन पर संत प्रेमानंद महाराज ने कहा कि भक्तों की भारी भीड़ के कारण परिक्रमा में दिक्कतें आ रही हैं, इसलिए उन्होंने अगले दिन से परिक्रमा की शुरुआत को आगे बढ़ाने का निर्णय लिया। इस धार्मिक आयोजन के दौरान सुरक्षा के लिए भारी पुलिस बल तैनात था, जो पूरे मार्ग में मौजूद रहा।