Video: PM मोदी ने शुभांशु शुक्ला से पूछा-अपने साथियों को गाजर का हलवा खिलाया या नहीं,जानिए ग्रुप कैप्टन ने क्या दिया जवाब?

PM मोदी ने शुभांशु शुक्ला से पूछा-अपने साथियों को गाजर का हलवा खिलाया या नहीं,

ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला इस समय नासा के एक्सिओम-4 मिशन के तहत अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) में मौजूद हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनसे वीडियो कॉल के माध्यम से संवाद किया। इस बातचीत के दौरान पीएम मोदी ने मुस्कुराते हुए पूछा कि उन्होंने जो गाजर का हलवा साथ ले गए थे, क्या वह अपने अंतरराष्ट्रीय साथियों को भी खिलाया? इस पर ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला ने जवाब दिया कि वह भारत के खास व्यंजन गाजर का हलवा, मूंग दाल का हलवा और आमरस अपने साथ लेकर गए थे। उन्होंने कहा, “मैं चाहता था कि मेरे अन्य देशों के साथी भी भारतीय व्यंजनों का स्वाद लें और हमारी समृद्ध पाक परंपरा को जानें। हम सभी ने साथ बैठकर इन व्यंजनों का आनंद लिया और सभी को बहुत पसंद आया।

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को भारतीय वायुसेना के ग्रुप कैप्टन और वर्तमान में अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) में मौजूद एस्ट्रोनॉट शुभांशु शुक्ला से संवाद किया। शुभांशु इस समय नासा के एक्सिओम-4 (Axiom-4) मिशन के तहत 14 दिवसीय ऐतिहासिक यात्रा पर हैं। यह मिशन 41 वर्षों के बाद भारत की मानव अंतरिक्ष उड़ान में वापसी का प्रतीक है।

प्रधानमंत्री मोदी ने हल्के-फुल्के अंदाज़ में शुभांशु से पूछा कि क्या वह अपने साथ अंतरिक्ष में ले गए गाजर का हलवा अपने साथियों को खिलाया या नहीं? इस पर शुभांशु शुक्ला ने बताया, “मैं गाजर का हलवा, मूंगदाल का हलवा और आम रस भारत से साथ लाया था। मेरा उद्देश्य था कि अंतरराष्ट्रीय साथियों को भी भारतीय व्यंजनों का स्वाद चखाया जाए और वे हमारी सांस्कृतिक विरासत को अनुभव कर सकें। हम सभी ने साथ बैठकर इनका आनंद लिया, और सभी ने इसकी खूब सराहना की।”

प्रधानमंत्री मोदी ने इस दौरान भारत के भविष्य के अंतरिक्ष मिशनों पर भी बात की। उन्होंने कहा, हमें मिशन गगनयान को आगे बढ़ाना है, भारत का अपना स्पेस स्टेशन बनाना है और यह सुनिश्चित करना है कि एक भारतीय चंद्रमा पर कदम रखे। शुभांशु का यह अनुभव आने वाले अभियानों के लिए अमूल्य होगा। मुझे भरोसा है कि वह अपने हर अनुभव को पूरी गंभीरता से रिकॉर्ड कर रहे हैं।

संवाद के दौरान शुभांशु शुक्ला ने मानसिक संतुलन और ध्यान के महत्व पर भी बल दिया। उन्होंने कहा कि अंतरिक्ष यात्रा जैसे तनावपूर्ण अभियानों में माइंडफुलनेस और मेडिटेशन निर्णय क्षमता को बेहतर बनाने में अहम भूमिका निभाते हैं।

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