प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ब्रिटेन और मालदीव की यात्रा के बाद तमिलनाडु पहुंचे, जहां उन्होंने तूतीकोरिन में आयोजित कार्यक्रम में 4800 करोड़ रुपये से अधिक की विकास परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया। इनमें तूतीकोरिन हवाई अड्डे का नया टर्मिनल भवन, दो राजमार्ग परियोजनाएं और अन्य आधारभूत ढांचों का विकास शामिल है।450 करोड़ रुपये की लागत से बने हवाई अड्डे के टर्मिनल में सालाना 20 लाख यात्रियों की क्षमता है और इसे जीआरआईएचए-4 स्थिरता रेटिंग मिलेगी।प्रधानमंत्री ने कहा कि ये परियोजनाएं राज्य में पर्यटन, व्यापार और निवेश को बढ़ावा देंगी और मेक इन इंडिया की सफलता का उदाहरण बनेंगी। उन्होंने यह भी बताया कि भारत-UK फ्री ट्रेड एग्रीमेंट पर ऐतिहासिक समझौता हुआ है।मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन स्वास्थ्य कारणों से कार्यक्रम में शामिल नहीं हो सके और उन्होंने वित्त मंत्री थंगम थेन्नारसु को भेजा।प्रधानमंत्री रविवार को चोल सम्राट राजेंद्र चोल प्रथम की जयंती पर आयोजित कार्यक्रम में भी शामिल होंगे। और उनके सम्मान में एक स्मृति सिक्का जारी करेंगे।
ब्रिटेन और मालदीव की यात्रा के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शनिवार को तमिलनाडु पहुंचे, जहां उन्होंने तूतीकोरिन में 4800 करोड़ रुपये से अधिक की विकास परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया।
इसमें 450 करोड़ रुपये की लागत से बने तूतीकोरिन हवाई अड्डे के नए टर्मिनल भवन का उद्घाटन शामिल है, जो हर साल 20 लाख यात्रियों को संभालने में सक्षम होगा। इसके अलावा, पीएम ने दो प्रमुख राजमार्ग परियोजनाएं भी राष्ट्र को समर्पित कीं, जिनसे क्षेत्रीय कनेक्टिविटी को मजबूती मिलेगी।
प्रधानमंत्री ने कहा कि यह तमिलनाडु को विकास के रास्ते पर ले जाने के मिशन का हिस्सा है। उन्होंने मेक इन इंडिया की सराहना करते हुए बताया कि ऑपरेशन सिंदूर में स्वदेशी हथियारों की अहम भूमिका रही।इस दौरान तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन स्वास्थ्य कारणों से अनुपस्थित रहे और उनकी ओर से राज्य के वित्त मंत्री थंगम थेन्नारसु उपस्थित हुए।
रविवार को पीएम मोदी गंगईकोंडा चोलपुरम मंदिर में चोल सम्राट राजेंद्र चोल प्रथम की 1000वीं जयंती और आदि तिरुवथिरा उत्सव में शामिल होंगे।प्रधानमंत्री ने बताया कि भारत-ब्रिटेन फ्री ट्रेड एग्रीमेंट से 99% भारतीय उत्पाद टैक्स फ्री होंगे, जिससे तमिलनाडु के MSME और स्टार्टअप्स को बड़ा लाभ मिलेगा।उन्होंने कहा कि भारत की बढ़ती ताकत और आत्मनिर्भरता पर अब दुनिया को भरोसा है, और आज भारत की ग्रोथ में ही दुनिया अपनी ग्रोथ देख रही है।