मथुरा के मांट, शेरगढ़ ग्राम पंचायत में किए गए विकास कार्यों में धांधली का मामला समाने आते ही,जाँच के आदेश किये गये और और जांच में विकास कार्यों में धांधली की बात सही पाई गई, जिसके बाद जिला प्रशासन ने ग्राम प्रधान के प्राधिकार को रोक दिया है। साथ ही, सचिव को निलंबित कर दिया गया है। पूरे मामले की जांच एडीएम को सौंपी गई है।
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छाता विकास खंड की ग्राम पंचायत शेरगढ़ में किए गए कार्यों में धांधली की शिकायत विधानसभा की समिति से उठाई गई थी। समिति के मार्गदर्शन में, मंडलायुक्त आगरा ने डिप्टी डायरेक्टर आगरा के नेतृत्व में इंजीनियर और तकनीकी अधिकारियों की एक टीम बनाई थी।
जांच में पाया गया कि शेरगढ़ पंचायत में तीन करोड़ से अधिक की माने जाने वाली संपत्ति का गबन हो गया। कमिश्नर के आदेश पर जिलाधिकारी मथुरा ने ग्राम प्रधान के वित्तीय और प्रशासनिक प्राधिकार को प्रतिबंधित कर दिया है। तत्कालीन ग्राम पंचायत सचिव को भी निलंबित कर दिया गया है। रिपोर्ट शासन और पंचायतीराज समिति को भेजी गई है। कमिश्नर ने कानूनी कार्रवाई के निर्देश दे दिये हैं।
जिलाधिकारी शैलेंद्र सिंह ने बताया कि प्रधान को उनके वित्तीय और प्रशासनिक अधिकारों से यहाँ तक कि प्रतिबंधित कर दिया गया है। मामले की जांच के लिए एडीएम को निर्देशित किया गया है। वहीं, जिला विकास अधिकारी दुष्यंत कुमार ने बताया कि सचिव को निलंबित करने की पुष्टि हो चुकी है। उन्होंने यह भी बताया कि सचिव इस अवधि तक गोवर्धन ब्लॉक से जुड़े रहेंगे।