संत प्रेमानंद महाराज ने एक बार फिर अपनी रात्रि कालीन पदयात्रा शुरू कर दी है। हर बार की तरह, महाराज रात दो बजे अपने श्री कृष्ण शरणम् आश्रम से उसी मार्ग पर निकले, जंहा से पहले निकलते थे, लेकिन आज का दृश्य कुछ अलग था। जिस एनआरआई ग्रीन सोसाइटी ने यात्रा पर विरोध जताया था, वहीं इस बार उन्होंने दीप जलाकर महाराज जी का स्वागत किया और अपनी गलती के लिए माफी भी मांगी।
बीती रात एक बार फिर प्रेमानंद महाराज ने अपनी रात्रि कालीन पदयात्रा शुरू की। महाराज उसी पुराने मार्ग से पदयात्रा पर निकले, जिस मार्ग से वह हमेशा जाते हैं। महाराज जी की चिरपरिचित मुस्कान वाले दर्शन के लिए बड़ी संख्या में भक्त उपस्थित थे।
पूरे रास्ते को फूलों से सजाया गया था, और सड़क के दोनों ओर लोग पंक्तिबद्ध होकर महाराज जी के दर्शन का इंतजार कर रहे थे। आधी रात के समय जैसे ही प्रेमानंद महाराज अपने शिष्यों के साथ उस पुराने मार्ग पर निकले, तो चारों दिशाओं में ‘राधे राधे’ की गूंज सुनाई देने लगी।भक्तों ने पुष्प वर्षा कर महाराज जी का स्वागत किया, और इस दौरान भजन भी गाए गए, जिससे माहौल पूरी तरह भक्ति और श्रद्धा से भर गया।
पहले जिन एनआरआई ग्रीन सोसाइटी ने यात्रा का विरोध किया था, अब उन्हीं लोगों ने दीप जलाकर महाराज का स्वागत किया और अपनी गलती के लिए माफी भी मांगी।
जैसे ही संत प्रेमानंद महाराज की पदयात्रा एनआरआई ग्रीन सोसाइटी के पास पहुंची, वहां के निवासियों ने फूलों की वर्षा की और दीप जलाकर उनका स्वागत किया। सड़क पर फूल बिछाए गए और लोग “राधे राधे” कहते हुए झूमने लगे।एनआरआई ग्रीन सोसाइटी के अध्यक्ष आशु शर्मा ने कहा, महाराज हमारे हैं, और हम महाराज के हैं। किसी को भी कोई आपत्ति नहीं होनी चाहिए।
महाराज की पदयात्रा के दौरान भक्तों की भारी संख्या उमड़ी और पूरे रास्ते को फूलों से सजाया गया। इस अद्भुत दृश्य को देखकर भक्तों ने इसे एक अनमोल अनुभव बताया।