शंभू बॉर्डर पर किसानों का आंदोलन 13 महीने बाद खत्म हुआ। गुरुवार शाम 7 बजे से वाहनों की आवाजाही फिर से शुरू हो गई। बताया जा रहा है की पुलिस ने पंजाबभर में 1300 से ज्यादा किसानों को हिरासत में लिया, जिनमें फरीदकोट (500) और संगरूर (300) से सबसे अधिक किसान शामिल हैं। ये किसान शंभू और खनौरी में हुई पुलिस कार्रवाई का विरोध कर रहे थे।किसानों ने गुरदासपुर और तरनतारन में डीसी ऑफिस के बाहर धरना दिया, जबकि मोगा, जालंधर, बठिंडा, और अन्य जगहों पर भी प्रदर्शन जारी रहा। पुलिस ने कई स्थानों पर किसानों को हिरासत में लिया, लेकिन किसान विरोध में डटे रहे।
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हरियाणा सीमा से सटे शंभू बॉर्डर से आखिरकार 13 महीने बाद किसानों को हटा दिया गया है। गुरुवार शाम 7 बजे से वाहनों की आवाजाही फिर से शुरू हो गई।
वहीं, पुलिस ने राज्य भर में 1300 से ज्यादा किसानों को हिरासत में लिया, जिनमें फरीदकोट (500) और संगरूर (300) जिले से अधिक संख्या में किसान शामिल हैं। ये किसान शंभू और खनौरी में हुई पुलिस कार्रवाई और किसानों के नेताओं की गिरफ्तारी का विरोध कर रहे थे। इस दौरान कई जगहों पर किसानों और पुलिस के बीच झड़पें भी हुईं।
गुरदासपुर और तरनतारन में किसानों ने डीसी दफ्तर के बाहर पक्का धरना दिया। पुलिस ने शंभू बॉर्डर पर किसानों के बनाए पक्के मोर्चों को हटाने और नेशनल हाईवे को साफ करने का अभियान चलाया। वहीं, हरियाणा पुलिस ने अपनी सीमा में भारी सीमेंट बेरिकेड्स तोड़ने का काम जारी रखा।
हालांकि, खनौरी मार्ग अभी तक खुला नहीं है, लेकिन उम्मीद जताई जा रही है कि यह मार्ग शुक्रवार तक साफ हो जाएगा। शंभू बॉर्डर और खनौरी में बुधवार की कार्रवाई के खिलाफ किसानों ने राज्य भर में प्रदर्शन जारी रखा है।
मोगा, जालंधर, बठिंडा, फरीदकोट और अन्य शहरों में भी किसानों ने प्रदर्शन किए, और कई किसानों को पुलिस ने हिरासत में लिया।