बांके बिहारी कॉरिडोर और न्यास के खिलाफ विरोध तेज हो गया है। सोमवार को राधावल्लभ मंदिर में गोस्वामियों ने कॉरिडोर के विरोध में प्रदर्शन किया और नारेबाजी की। गोस्वामियों का आरोप है कि यह योजना वृंदावन के प्राचीन स्वरूप को नष्ट कर देगी। विरोध में मतभेद भी सामने आए जब विलास वंश के गोस्वामी राधेश लाल ने मंदिर में लगाए गए विरोधी बैनर का विरोध किया। वहीं, बांके बिहारी मंदिर के गोस्वामी भी राधावल्लभ मंदिर पहुंचे और प्रदर्शन में शामिल हुए।
बांके बिहारी मंदिर कॉरिडोर और न्यास के गठन के खिलाफ विरोध लगातार तेज़ हो रहा है। अब इस आंदोलन को ब्रज के अन्य प्रमुख मंदिरों के सेवायतों का भी समर्थन मिलने लगा है। सोमवार को वृंदावन स्थित राधावल्लभ मंदिर में गोस्वामियों ने एकजुट होकर सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया और नारेबाजी की।
राजभोग आरती के बाद राधावल्लभ मंदिर के राजवंश से जुड़े गोस्वामी एकत्र हुए और मंदिर परिसर में विरोध के बैनर लगाए। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार की यह योजना वृंदावन की प्राचीन धार्मिक संरचना और संस्कृति को नुकसान पहुंचाने वाली है।
संत सूरज गोस्वामी ने कहा कि यह कॉरिडोर वृंदावन के ऐतिहासिक कुंज गलियों और धार्मिक स्वरूप को खत्म करने की कोशिश है। उन्होंने कहा कि जैसे मुगल आक्रमणों के समय इन गलियों ने मंदिरों की रक्षा की थी, वैसे ही आज भी इनका संरक्षण जरूरी है।
हालांकि मंदिर में विरोध के स्वर में मतभेद भी दिखा। विलास वंश के गोस्वामी राधेश लाल ने काले बैनर के उपयोग का विरोध जताया और कार्यालय में नाराजगी जाहिर की। वहीं, उनके बेटे मोहित मराल का कॉरिडोर विरोध करते एक वीडियो पहले ही वायरल हो चुका है।जैसे ही बांके बिहारी मंदिर के गोस्वामियों को राधावल्लभ मंदिर में चल रहे विरोध की जानकारी मिली, वे भी वहां पहुंचे और एकजुट होकर प्रदर्शन में शामिल हुए।