दुनिया के 2024 के स्वागत के बीच पीएसएलवी-सी58 मिशन भारतीय समयानुसार सुबह 9:10 बजे श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से रवाना हुआ।
2023 में चंद्रमा पर विजय प्राप्त करने के बाद, भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने एक्सपीओसैट मिशन को अंतरिक्ष में ले जाने वाली अपनी 60वीं उड़ान पर ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपण यान (पीएसएलवी) के जोरदार प्रक्षेपण के साथ 2024 में प्रवेश किया। दुनिया के 2024 के स्वागत के बीच पीएसएलवी-सी58 मिशन भारतीय समयानुसार सुबह 9:10 बजे श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से रवाना हुआ। लॉन्च वाहन, भारत का सबसे सफल बूस्टर, एक बार फिर से उपग्रह को पृथ्वी के चारों ओर अपनी इच्छित कक्षा में भेज रहा है ताकि ब्लैक होल सहित ब्रह्मांड की कुछ सबसे रहस्यमय घटनाओं को देखना शुरू किया जा सके।
इसरो के प्रमुख एस सोमनाथ ने मिशन के प्रक्षेपण को “सफल” उपलब्धि बताया। भारत को नए साल की शुभकामनाएं देते हुए सोमनाथ ने कहा, परिक्रमा पूरी हो गई है।
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इसरो का एक्सपोसैट मिशन क्या है?
एक्सपोसैट एक्स-रे पोलेरिमीटर ( X-ray Polarimeter Satellite) सैटेलाइट का संक्षिप्त रूप है, ISRO XPoSat Launch इसरो ने साल के पहले अंतरिक्ष मिशन में एक्स-रे पोलारिमीटर सैटेलाइट (XPoSat) लॉन्च कर दिया है। इस मिशन के माध्यम से अमेरिका के बाद भारत ब्लैक होल (आकाशगंगा) और न्यूट्रॉन सितारों का अध्ययन करने के लिए एक विशेष सैटेलाइट भेजने वाला दुनिया का दूसरा देश बन जाएगा।