रायगढ़ किला: शिवाजी महाराज की पुण्यतिथि पर बोले अमित शाह – अदम्य साहस से रचा स्वराज का इतिहास

रायगढ़ किला: शिवाजी महाराज की पुण्यतिथि पर बोले अमित शाह

महाराष्ट्र के ऐतिहासिक रायगढ़ किले में आज छत्रपति शिवाजी महाराज की 345वीं पुण्यतिथि के अवसर पर एक विशेष श्रद्धांजलि समारोह आयोजित किया गया। कार्यक्रम में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह, महाराष्ट्र सीएम देवेंद्र फडणवीस, डिप्टी सीएम एकनाथ शिंदे और अजित पवार ने शिरकत की।अमित शाह ने शिवाजी महाराज को राष्ट्रीय धरोहर बताते हुए उनके आदर्शों को घर-घर तक पहुंचाने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि शिवाजी महाराज की असाधारण रणनीति और साहस ने मुगल साम्राज्य की नींव हिला दी थी।

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केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि छत्रपति शिवाजी महाराज केवल महाराष्ट्र तक सीमित नहीं हैं, वे पूरे भारतवर्ष की धरोहर हैं। उन्होंने शिवाजी महाराज के विचारों को देश के हर कोने तक पहुंचाने का आह्वान किया।

अमित शाह ने कहा, मैं यहां न राजनीति करने आया हूं, न भाषण देने। मैं यहां उस महापुरुष के विचारों से प्रेरणा लेने आया हूं, जिन्होंने स्वराज्य और स्वधर्म की स्थापना के लिए जीवन समर्पित कर दिया। उन्होंने ‘शिव मुद्रा’ को आदर्शों और प्रेरणा का प्रतीक बताते हुए कहा कि यह न केवल भारत, बल्कि संपूर्ण विश्व के लिए अनुकरणीय है।

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गृह मंत्री ने आगे कहा, जब शिवाजी महाराज का जन्म हुआ, तब देश में निराशा और भय का वातावरण था। ऐसे समय में उन्होंने 12 वर्ष की आयु में भगवा ध्वज को सिंधु से कन्याकुमारी तक फहराने का संकल्प लिया।

उन्होंने कहा कि शिवाजी महाराज के पास न धन था, न सेना थी—फिर भी उन्होंने अपने साहस और संकल्प से 200 साल पुरानी मुगल सत्ता को चुनौती दी और स्वराज की स्थापना की।

शाह ने कहा कि आजादी के 75 साल बाद भारत वैश्विक मंच पर गर्व से खड़ा है और 2047 में स्वतंत्रता की शताब्दी तक भारत को विश्व की शीर्ष महाशक्ति बनाने का संकल्प लिया गया है—जो शिवाजी महाराज का भी सपना था। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार शिवाजी के आदर्शों पर कार्य कर रही है।

गृह मंत्री ने रायगढ़ किले को पर्यटन स्थल नहीं, बल्कि भावी पीढ़ियों के लिए प्रेरणा का केंद्र बताया और स्वराज की भावना का श्रेय जीजाबाई को दिया। उन्होंने बताया कि शिवाजी की राजमुद्रा अब भारतीय नौसेना के ध्वज पर अंकित है, जो उनके स्थायी प्रभाव का प्रतीक है।

अमित शाह ने इतिहास का उल्लेख करते हुए कहा कि जो खुद को ‘अलमगीर’ कहता था, वह शिवाजी महाराज के साहस के आगे महाराष्ट्र में पराजित हुआ और आज उसकी समाधि भी यहीं है। उन्होंने कहा कि हर बच्चे को शिवाजी महाराज का इतिहास पढ़ाया जाना चाहिए, क्योंकि उनका जीवनचरित्र राष्ट्र गौरव का प्रतीक है।

इससे पहले शाह, मुख्यमंत्री फडणवीस, उपमुख्यमंत्री शिंदे, अजित पवार और मराठा वंशज उदयनराजे भोसले सहित अन्य नेताओं ने पचाड में जीजाबाई की समाधि पर पुष्प अर्पित किए। सीएम फडणवीस और डिप्टी सीएम शिंदे ने कार्यक्रम को संबोधित किया, जबकि अजित पवार मंच पर मौन रहे।

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