अयोध्या में राम मंदिर के दरवाजे आखिरकार आज जनता के लिए खुल गए। राम लला की नव स्थापित मूर्ति की एक झलक पाने के लिए भक्त मंदिर परिसर में जमा होने लगे हैं।
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देश भर के भक्तों के लिए एक ऐतिहासिक क्षण में, अयोध्या में नव-पवित्र राम मंदिर के दरवाजे आज, 23 जनवरी को जनता के लिए खोल दिए गए हैं। भव्य उद्घाटन सोमवार को हुए एक विस्तृत ‘प्राण प्रतिष्ठा’ समारोह के बाद हुआ, जिसमे उपस्थित प्रमुख व्यक्तियों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी शामिल थे। अयोध्या में राम मंदिर प्रतिदिन सुबह 7 बजे से 11:30 बजे तक और फिर दोपहर 2 बजे से शाम 7 बजे तक आगंतुकों का स्वागत रहेगा। मैसूर स्थित मूर्तिकार अरुण योगीराज द्वारा तैयार की गई 51 इंच लंबी राम लला की मूर्ति की स्थापना बीते सोमवार को की गयी।
इस कड़ाके की सर्दी के दिन मंदिर परिसर के बाहर भक्तों की भारी भीड़ देखी गई, जिनमें से कई लोग मंदिर में प्रवेश पाने, राम लला की एक झलक पाने और पूजा करने के लिए सुबह 3 बजे से ही कतार में खड़े हो गये। अयोध्या कल आध्यात्मिक माहौल में डूबी हुई थी , ठंड के मौसम ने भी भक्तों के उच्च उत्साह को कम नहीं किया। हवा भी ‘जय श्री राम’ और राम भजनों से गूंज उठी, भोपाल के लोक नर्तकों और एक धार्मिक मंडली ने ‘पालकी यात्रा’ के साथ जीवंत माहौल बना दिया।
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उत्तर प्रदेश प्रांतीय सशस्त्र कांस्टेबुलरी (पीएसी) बैंड ने अयोध्या की सड़कों पर देशभक्ति की धुनें बजाकर इस खुशी के अवसर में योगदान दिया। जैसे ही शाम ढली, निवासियों ने भगवान राम की घर वापसी के लिए दिवाली के त्योहार की याद दिलाते हुए अपने घरों के बाहर दीये जलाए और रात का आकाश आतिशबाजी की चमक से जगमगा उठा। उम्मीद है कि आने वाले दिनों में मंदिर में लाखों तीर्थयात्री और पर्यटक आएंगे, जो दिव्य संरचना को देखने और प्रार्थना करने के लिए उत्सुक होंगे।

‘प्राण प्रतिष्ठा’ समारोह में भाग लेने के बाद, पीएम मोदी ने कहा कि अयोध्या में राम लला की मूर्ति की प्रतिष्ठा एक नए युग के आगमन का प्रतीक है और लोगों से राम मंदिर के निर्माण से आगे बढ़कर एक मजबूत नींव बनाने का आह्वान किया। , अगले 1,000 वर्षों का भव्य और दिव्य भारत। वही आलोचकों पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि कुछ लोग कहते थे कि राम मंदिर के निर्माण से देश में आग लग जाएगी। उन्होंने कहा कि राम अग्नि नहीं बल्कि ऊर्जा हैं, राम विवाद नहीं बल्कि समाधान हैं, राम केवल हमारे नहीं बल्कि सबके हैं उन्होंने कहा कि मंदिर शांति, धैर्य और सद्भाव का भी प्रतीक है।
प्रधान मंत्री ने जनता के साथ भावनात्मक जुड़ाव पैदा करने की कोशिश करते हुए कहा कि हमारे राम सदियों के इंतजार, धैर्य और बलिदान के बाद आए हैं। पीएम मोदी ने अपने संबोधन में कहा, हमारे रामलला अब तंबू में नहीं रहेंगे। हमारे रामलला एक भव्य मंदिर में रहेंगे।
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