यूपी एटीएस ने कार्रवाई करते हुए गाजियाबाद के मोदीनगर से एक युवक को गिरफ्तार किया, जिसने अपने खाते से 70 लाख रुपये का ट्रांजैक्शन किया था।
गाजियाबाद : भारतीय सुरक्षा एजेंसियों और प्रतिष्ठानों द्वारा जासूसी के लिए हो रही फंडिंग के मामले की जांच तथा खुफिया एजेंसियों की जाँच के दौरान यह पता चला कि फरीदनगर कस्बे में रहने वाले रियाजुद्दीन के खाते में पिछले डेढ़ साल से फंडिंग हो रही थी। इसके बारे में अप्रैल 2022 में पहली बार उसके बैंक खाते में 5 लाख रुपये की रकम आई थी। इसके बाद, लगातार लाखों रुपये के ट्रांजैक्शन हुए हैं। खुफिया एजेंसियों ने रियाजुद्दीन के साथ संबंधित उसके परिजनों और परिचितों के बैंक खातों की डिटेल्स की खोज शुरू की है, और जल्द ही इसमें कोई बड़ा खुलासा हो सकता है।
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रियाजुद्दीन फरीदनगर गाँव का निवासी है, जो भोजपुर थाना क्षेत्र में स्थित है।, रियाजुद्दीन के तीन बचत खाते हैं, जो कि विभिन्न राष्ट्रीयकृत बैंकों की शाखाओं में स्थित हैं – एक एसबीआई, दूसरा केनरा, और तीसरा कोटक महिंद्रा बैंक में। जब केनरा बैंक के खाते में फंडिंग की डिटेल सामने आई, इसके अलावा, पत्नी रोशन जहां का खाता भी टीम के रडार पर है। रियाजुद्दीन के केनरा बैंक खाते में पिछले डेढ़ साल के भीतर ही लाखों रुपये की ट्रांजैक्शन हुई हैं।
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दरअसल, दो साल पहले रियाजुद्दीन ने पश्चिमी चंपारण (बिहार) के शिकारपुर भेड़ा भरावा निवासी इजहारुल हुसैन से मिली थी। इन दोनों के बीच गहरे संबंध बने थे जिन्हें वे इंटरनेट कॉलिंग के माध्यम से जारी रखते थे। उसके बाद से, रियाजुद्दीन के खाते में पाकिस्तान सहित भारत के कई राज्यों से ट्रांजैक्शन का खेल शुरू हो गया था। जाँच में पता चला कि अप्रैल 2022 में पांच लाख रुपये की रकम उसके खाते में जमा हुई थी। इसके बाद, लाखों रुपये की कई किस्तों में भेजी गईं, जो सभी रकम भारतीय मुद्रा में थी।
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रियाजुद्दीन के पिता का दावा
रियाजुद्दीन के पिता अनवर बता रहे हैं कि रियाजुद्दीन के खाते में अप्रैल 2022 में छह लाख रुपये आए थे। इस रकम की मांग भी इजहारुल ने की थी। जब रियाजुद्दीन को इसका पता चला, तो उसने बैंक जाकर जाँच की। बैंक ने खाते को फ्रीज कर दिया था। अनवर का दावा है कि रियाजुद्दीन ने उसी समय खाता बंद करने की शिकायती पत्र बैंक में दिया था, और उस समय अनवर भी उसके साथ थे। उसके बाद, वे बैंक में फिर से नहीं गए।
Source by navbharattimes