झारखंड: ईडी की रेड, मंत्री के सहयोगी के घर से छापे में 20 करोड़ रुपये की नकदी जब्त

मंत्री के सहयोगी के घर से छापे में 20 करोड़ रुपये की नकदी जब्त

प्रवर्तन निदेशालय ने सोमवार सुबह रांची में कई स्थानों पर रेड की और वहीं रेड के दौरान प्रवर्तन निदेशालय ने झारखंड के मंत्री आलमगीर आलम के निजी सचिव के सहयोगी के घर से छापे में 20 करोड़ 20 से 30 करोड़ रुपये नगद जब्त किए। ED की ये कार्रवाई निलंबित चीफ इंजीनियर वीरेंद्र राम और उनके करीबियों के ठिकानों पर की जा रही है, जहां नोटों का ढेर मिला है।

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केंद्रीय एजेंसी रांची में कई ठिकानों पर छापेमारी कर रहा है. प्रवर्तन निदेशालय ने सोमवार को झारखंड के मंत्री आलमगीर आलम के निजी सचिव संजीव लाल  द्वारा नियुक्त घरेलू सहायक के आवास से भारी मात्रा में “बेहिसाब नकदी” जब्त की, जिसका अनुमान 20 से 30 करोड़ रुपये लगाया जा रहा है।नोटो की गड्डियों का ढेर लगा हुआ है, जिसे देखकर अधिकारी भी चकरा गए हैं. नकदी की गिनती करने के लिए मशीनें भी लाई गईं।

70 वर्षीय कांग्रेस नेता आलमगीर आलम झारखंड के ग्रामीण विकास मंत्री हैं और राज्य विधानसभा में पाकुड़ सीट का प्रतिनिधित्व करते हैं।

यह छापेमारी झारखंड ग्रामीण विकास विभाग के पूर्व मुख्य अभियंता वीरेंद्र राम के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग मामले में चल रही जांच के सिलसिले में है, ईडी ने कुछ योजनाओं के कार्यान्वयन में कथित अनियमितताओं के सिलसिले में  फरवरी 2023 में गिरफ्तार किया था।बीते साल फरवरी में ED ने वीरेंद्र राम से लंबी पूछताछ की थी और उसके बाद उसे गिरफ्तार किया था.

जांच एजेंसी ने बिहार और दिल्ली के साथ-साथ रांची, जमशेदपुर और झारखंड के अन्य स्थानों पर सर्च अभियान चलाने के बाद उसे पकड़ा था।2019 में वीरेंद्र राम के एक मातहत के पास से भारी मात्रा में नकदी जब्त की गयी थी और बाद में, जांच एजेंसी ने धन शोधन निवारण (पीएमएलए) अधिनियम के तहत मामले को अपने हाथ में ले लिया।

वीरेंद्र राम के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग का मामला झारखंड भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) की एक शिकायत से जुड़ा है।प्रवर्तन निदेशालय ने पिछले साल एक बयान में आरोप लगाया था कि वीरेंद्र राम ने “सरकारी काम के अनुदान के बदले में बदले उनसे कमीशन के नाम पर अपराध की आय अर्जित की थी”।

हुए वहीं ED की पूछताछ के दौरान निलंबित चीफ इंजीनियर वीरेंद्र राम ने झारखंड के ग्रामीण इलाकों में सड़क निर्माण और अन्य टेंडर जारी करने के बदले 3 % से लेकर 1% तक कमीशन लेने की बात कबूल की थी.

इस बीच, जेल में बंद और झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के करीबी सहयोगी पंकज मिश्रा को भी 2022 में मनी लॉन्ड्रिंग मामले में हिरासत में लिया गया था।

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