संत प्रेमानंद महाराज ने स्वास्थ्य समस्याओं और बढ़ती भीड़ के कारण अपनी रात्रि पदयात्रा को स्थगित करने का निर्णय लिया है। यह फैसला आश्रम की ओर से लिया गया है, जिससे प्रेमानंद जी महाराज के भक्तों को बड़ा झटका लगा है।
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संत प्रेमानंद महाराज ने अब रात में पदयात्रा न करने का निर्णय लिया है। स्वास्थ्य समस्याओं और बढ़ती भीड़ के कारण यह कदम उठाया गया है। श्रीराधा केलिकुंज आश्रम द्वारा जारी बयान में कहा गया कि संत प्रेमानंद हर रात दो बजे श्रीकृष्ण शरणम् से रमणरेती स्थित श्री राधा केलिकुंज तक पदयात्रा करते थे, जहां सैकड़ों भक्त उनके दर्शन और भजन संकीर्तन के लिए रास्ते में खड़े रहते थे।
संत प्रेमानंद जी महाराज प्रतिदिन रात में पैदल यात्रा करते हुए श्री हित केली कुंज जाते थे, जिसमें बड़ी संख्या में श्रद्धालु उनके साथ होते थे। हाल ही में स्वास्थ्य कारणों से उन्हें इस यात्रा को कुछ समय के लिए स्थगित करना पड़ा था।
संत प्रेमानंद जी महाराज की रात्रि यात्रा उनके भक्तों के लिए विशेष महत्व रखती थी। हर दिन सैकड़ों श्रद्धालु उनके साथ श्री हित राधा केली कुंज तक जाते थे और उनकी उपस्थिति का लाभ उठाते थे। हालांकि, अब उनकी स्वास्थ्य को प्राथमिकता देते हुए यह यात्रा फिलहाल स्थगित कर दी गई है।
संत प्रेमानंद जी महाराज के स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए श्रद्धालुओं से अनुरोध किया गया है कि वे उनके स्वास्थ्य के लिए प्रार्थना करें और इस निर्णय का सम्मान करें। महाराज जी की रात्रि यात्रा कब पुनः शुरू होगी, इसकी जानकारी समयानुसार दी जाएगी।
संत प्रेमानंद की रात दो बजे की पदयात्रा पर विरोध
संत प्रेमानंद महाराज रात दो बजे अपने शिष्यों के साथ शरदाश्रम से पदयात्रा शुरू करते थे, जो श्री राधा केलिकुंज स्थित प्रेममंदिर तक जाती थी। ऐसा भी कहा जा रहा है की पदयात्रा के दौरान एनआरआइ ग्रीन कॉलोनी के निवासियों द्वारा ध्वनि प्रदूषण के खिलाफ विरोध किया गया। कॉलोनी की महिलाओं ने सोमवार को हाथ में तख्तियां लेकर संत प्रेमानंद की पदयात्रा का विरोध किया और इसकी बंदी की मांग की।