दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को शराब नीति मामले में सुप्रीम कोर्ट द्वारा 10 मई को अंतरिम जमानत दी गयी थी. बता दें कि अरविंद केजरीवाल को SC से 1 जून तक के लिए अंतरिम जमानत मिली थी. और अरविंद केजरीवाल को दो जून को सरेंडर करना होगा।
सुप्रीम कोर्ट की एक अवकाश पीठ ने मंगलवार को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की अंतरिम जमानत बढ़ाने की याचिका पर तत्काल सुनवाई से इनकार कर दिया और सीएम केजरीवाल की ओर से पेश वकील अभिषेक सिंघवी से कोर्ट ने पूछा कि पिछले हफ्ते जब मुख्य पीठ के न्यायाधीश न्यायमूर्ति दत्ता बैठे थे तो आपने ये क्यों नहीं मेंशन किया।
आगे के निर्देश के लिए मामले को भारत के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ के पास भेज दिया। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सुप्रीम कोर्ट से मेडिकल परीक्षण’ का हवाला देते हुए अपनी 7 दिन की अंतरिम जमानत बढ़ाने की मांग की है. जिसकी अवधि 1 जून को समाप्त हो रही है।
सुप्रीम कोर्ट ने उनकी अंतरिम जमानत याचिका को मंजूरी देने के बाद उन्हें 10 मई को रिहा कर दिया था जिन्हें ED ने शराब नीति घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में 21 मार्च को गिरफ्तार किया था, लोकसभा चुनाव के लिए प्रचार करने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने उनकी अंतरिम जमानत याचिका याचिका मंजूर कर ली थी ।
न्यायमूर्ति जेके माहेश्वरी और न्यायमूर्ति केवी विश्वनाथन की पीठ ने केजरीवाल की ओर से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी के उस तत्काल सुनवाई पर विचार करने से इनकार कर दिया, जिसमें उन्होंने मुख्यमंत्री को कुछ चिकित्सा परीक्षण कराने के लिए 7 दिन की अंतरिम जमानत बढ़ाने की मांग की।
बेंच ने कहा कि “इस (याचिका) पर सुनवाई हो चुकी है और पहले से ही एक अलग बेंच द्वारा आदेश के लिए रिजर्व रखा गया है. “सिंघवी ने यह भी कहा कि डॉक्टरों द्वारा आप प्रमुख का मेडिकल परीक्षण करने के बाद यह याचिका दायर की गई थी।
सीएम केजरीवाल की ओर से पेश वकील अभिषेक सिंघवी से कोर्ट ने पूछा कि पिछले हफ्ते जब मुख्य पीठ के न्यायाधीश न्यायमूर्ति दत्ता बैठे थे तो आपने ये क्यों नहीं मेंशन किया। उनके वकील ने कहा, “कुछ मेडिकल टेस्ट कराने के बाद, एक रिपोर्ट पेश की गई थी। इसलिए अरविंद केजरीवाल की अंतरिम जमानत सात दिन बढ़ाने वाली की याचिका दायर करने में कुछ समय लगा।”
अपनी जमानत विस्तार याचिका में, केजरीवाल ने कहा, “कि हिरासत के दौरान उनका अकारण छह-सात किलो वजन कम हुआ है जो जीवन के लिए खतरा पैदा करने वाली बीमारियों का एक लक्षण है। अचानक घटे वजन व सेहत संबंधी अन्य दिक्कतों को देखते हुए उन्हें पेट-सीटी (पीइटी-सीटी)स्कैन सहित कई चिकित्सीय जांचे कराने की जरूरत है जिसमें पांच – सात दिन का समय लगेगा।
सुप्रीम कोर्ट ने उनकी अंतरिम जमानत याचिका को मंजूरी देने के बाद उन्हें 10 मई को रिहा कर दिया था, और सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल को 2 जून को सरेंडर करना होगा।
अंतरिम जमानत दिशानिर्देशों के तहत, केजरीवाल दिल्ली के मुख्यमंत्री कार्यालय या यहां तक कि दिल्ली सचिवालय भी नहीं जा सकते। उनसे मामले के बारे में टिप्पणी न करने या किसी गवाह से बातचीत न करने को भी कहा गया है।
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