हिमाचल प्रदेश में छह जगह बादल फटने से भारी तबाही हुई है. अभी भी 53 से अधिक लोग लापता बताए जा रहे हैं जबकि चार लोगों की मौत हो गई है। शिमला, मंडी और कुल्लू में घरों की इमारत बह गईं. कई जगहों पर पुल बह गए हैं। स्कूल और अस्पताल क्षतिग्रस्त हो गए हैं. कुछ परिवार भी उजड़ गए हैं हालांकि मौके पर NDRF की टीम मौजूद हैं और राहत बचाव कार्य चल रहा है।
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हिमाचल प्रदेश में बुधवार रात तेज बारिश के बीच छह जगह बादल फटने से भारी नुकसान हुआ है। 53 से अधिक लोग लापता बताए जा रहे हैं। चार लोगों की मौत हुई है। प्रदेश में यह पहली बार हुआ है, जब एक साथ छह स्थानों पर बादल फटे हैं। बादल फटने से हुई तबाही ने शिमला जिले के समेज गांव का मंजर बदल दिया। गांव के कुछ घर पानी में बह गए तो वही कुछ मलबे में दब गए। इन घरों में रह रहे 36 लोग लापता बताए जा रहे हैं। गांव में एक स्कूल, डिस्पेंसरी, बिजली प्रोजेक्ट और दो ट्रांसफार्मर भी पानी के साथ बह गए।

हिमाचल प्रदेश के शिमला, मंडी और कुल्लू जिलों में बादल फटने से दो लोगों की जान चली गई और कम से कम 53 से अधिक लोग लापता हैं.
मंडी जिले के द्रंग विधानसभा क्षेत्र के राजबन गांव में बादल फट गया जिससे सात लोग लापता हो गए। तीन लोगों के शवों को बरामद कर लिया गया है और एक व्यक्ति घायल हो गया। कुल्लू जिले के निरमंड और मलाणा में बादल फटने से आई बाढ़ के कारण निरमंड के बागीपुल में सात लोग और केदस में तीन लोगों के लापता होने की खबर है।

हिमाचल प्रदेश में मानसून की बारिश कहर ढा रही है. भारी बारिश की वजह से ब्यास नदी में जलस्तर बढ़ गया है. वहीं दूसरी तरफ कुल्लू में गुरुवार सुबह एक इमारत ढह गई और पार्वती नदी में बह गई.
हिमाचल प्रदेश के कुल्लू जिले के मलाणा में पावर प्रोजेक्ट-1 का बांध टूट गया है, जिससे भारी नुकसान हुआ है। भुंतर और आसपास के इलाकों में पार्वती नदी में भारी बाढ़ के कारण अलर्ट जारी कर दिया गया है। मणिकर्ण घाटी में उफनती नदी के कारण सब्जी मंडी की चार मंजिला इमारत बह गई है। जिसके चलते प्रशासन ने सभी लोगों को नदी और नालों से दूर रहने को कहा

बादल फटने से तीनों जिलों में भारी नुकसान हुआ है . कई घर, स्कूल और अस्पताल क्षतिग्रस्त हो गए हैं. राहत और बचाव कार्य चल रहा है। अधिकारियों ने कुल्लू और मंडी में सभी स्कूल और कॉलेज बंद करने की घोषणा की है.

प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुखू ने बताया कि मौके पर एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और डिप्टी कमिश्नर एसडीएम सब घटना स्ठल पर मौजूद हैं. और बचाव कार्य जारी है. साथ ही उन्होंने कहा कि गृह मंत्री अमित साह से बातचीत हुई है. उन्होंने हमें हर संभव मदद प्रदान करने का आश्वासन दिया है।
प्रधानमंत्री मोदी करीबी से नजर बनाए हुए हैं
उधर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी आपदा की घड़ी के बीच प्रभावितों को हर संभव मदद प्रदान करने का आश्वासन दिया है। साथ ही वे स्वयं करीबी से नजर भी रख रहे हैं।
एनडीआरएफ की 14 टीमों की गयी तैनाती
एनडीआरएफ के डीआईजी मोहसिन शाहिदी ने बताया कि मौके पर एनडीआरएफ की करीब 14 टीमें हिमाचल में तैनात की गयी हैं। कुल्लू, मंडी, शिमला में बादल फटा है। कुल्लू में भी बचाव कार्य चल रहा है। रामपुर में भी बादल फटा है, वहां छह लोगों को रेस्क्यू किया गया है। तीन लोगों की मौत हो गयी है और 53 लोग लापता हैं।
स्कूलों को बंद करने के दिए आदेश
भारी वर्षा की चेतावनी को देखते हुए उपायुक्त ने निर्णय लेते हुए मंडी जिले के सभी शिक्षण संस्थानों में शुक्रवार को स्कूलों को बंद रखने की घोषणा कर दी ।
बादल फटने की अधिकतर घटनाएं पहाड़ों में ही क्यों होती हैं।
बादल फटने की अधिकतर घटनाएं पहाड़ों में ही होती हैं। इसे लेकर मौसम विभाग के निदेशक सुरेंद्र पाल ने बताया कि पहाड़ पर बादल इसलिए ज्यादा फटते हैं, क्योंकि बादलों को रास्ता नहीं मिलता और टकरा जाते हैं।